भारत-अमेरिका के बीच प्रौद्योगिकी में साझेदारी से आर्थिक विकास को लाभ: यूजीसी चेयरमैन

Update: 2023-06-25 06:24 GMT

फाइल फोटो

नई दिल्ली: भारत की राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत भारत और अमेरिका के बीच अनुसंधान सहयोग और दो-तरफा शैक्षणिक आदान-प्रदान बढ़ाने के महत्वपूर्ण प्रयास किए गए हैं। अनुसंधान सहयोग को नई ऊंचाइयों तक ले जाने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अमेरिका में शिक्षा जगत के महत्वपूर्ण लोगों से मुलाकात की। इस शैक्षणिक आदान-प्रदान को लेकर यूजीसी का कहना है कि दुनिया के दो महान लोकतंत्रों के बीच विज्ञान और प्रौद्योगिकी के उभरते क्षेत्रों में साझेदारी से आर्थिक विकास को लाभ होगा।
यूजीसी चेयरमैन प्रोफेसर एम जगदीश कुमार का कहना है कि इससे हमारे देश की चुनौतियों के लिए नवीन तकनीकी समाधान की कल्पना करने के अवसर खुलेंगे। यूजीसी चेयरमैन के मुताबिक प्रधान मंत्री मोदी और अमेरिका में अकादमिक नेताओं के बीच बैठक से उन्हें भारत की आकांक्षाओं और क्षमता की स्पष्ट तस्वीर मिलेगी। जगदेश कुमार ने कहा, यह उच्च शिक्षा क्षेत्र में सहयोग प्रक्रिया को तेज करेगा।
भारत और अमेरिका एक-दूसरे के देशों में अपने वैश्विक विश्वविद्यालयों शाखाएं व कैंपस भी स्थापित करेंगे। परिसर स्थापित करने में वैश्विक विश्वविद्यालयों की सहायता के लिए अपने डिप्लोमेटिक आउटपोस्ट की मदद लेंगे। अमेरिका और भारत ने हितधारकों के साथ एक संयुक्त टास्क फोर्स स्थापित करने का निर्णय भी लिया है। यूजीसी चेयरमैन के मुताबिक यह एक स्वागत योग्य कदम है। उन्होंने बताया कि कई अमेरिकी विश्वविद्यालयों के प्रतिनिधिमंडलों ने यूजीसी में हमसे मुलाकात की है और उच्च शिक्षा क्षेत्र में भारत के साथ गहन सहयोग की इच्छा व्यक्त की है। प्रोफेसर कुमार ने कहा कि यूजीसी द्वारा विदेशी विश्वविद्यालय परिसर नियमों की जल्द ही घोषणा को अंतिम रूप दिए जाने के साथ, हम भारत में विदेशी विश्वविद्यालय परिसरों की स्थापना की सुविधा के लिए डिप्लोमेटिक आउटपोस्ट के संपर्क कार्यालय के साथ काम करने के लिए उत्सुक हैं। उन्होंने इसे उच्च शिक्षा के लिए रोमांचक समय बताया है।
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