G20 शिखर सम्मेलन की मेजबानी करेगा भारत, पीयूष गोयल को नियुक्त किया गया शेरपा
केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल को विश्व की प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं को एक साथ लाने वाले समूह जी20 के लिए भारत का शेरपा नियुक्त किया गया है.
नई दिल्ली. केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल को विश्व की प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं को एक साथ लाने वाले समूह जी20 के लिए भारत का शेरपा नियुक्त किया गया है. इसकी घोषणा करते हुए विदेश मंत्रालय ने मंगलवार को कहा कि भारत एक दिसंबर 2022 से जी20 समूह की अध्यक्षता करेगा और 2023 में पहली बार जी20 नेताओं के शिखर सम्मेलन की मेजबानी करेगा. जी20 देशों की अगली बैठक 30-31 अक्टूबर को इटली की अध्यक्षता में होनी है.
विदेश मंत्रालय ने कहा, ''केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग, उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण और वस्त्र मंत्री पीयूष गोयल को जी20 के लिए भारत का शेरपा नियुक्त किया गया है.'' ज्ञात हो कि शेरपा जी20 सदस्य देशों के नेताओं का प्रतिनिधि होता है, जो शिखर सम्मेलन के एजेंडे के बीच समन्वय बनाता है और सदस्य देशों के साथ मिलकर आर्थिक, राजनीतिक और वैश्विक चर्चा के एजेंडे को लेकर बात करता है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी वर्ष 2014 से जी20 में भारत का प्रतिनिधित्व करते आ रहे हैं. भारत 1999 में जी20 के गठन से ही इसका सदस्य है. विदेश मंत्रालय ने कहा, 'भारत एक दिसंबर 2022 से जी20 की अध्यक्षता करेगा और पहली बार 2023 में जी20 नेताओं की बैठक बुलाएगा.' मंत्रालय ने कहा, 'भारत एक दिसंबर 2021 से लेकर 30 नवंबर 2024 तक जी20 ट्रोइका का हिस्सा होगा.'
उल्लेखनीय है कि प्रत्येक वर्ष जब एक सदस्य देश अध्यक्ष पद ग्रहण करता है तो वह देश पिछले वर्ष के अध्यक्ष देश एवं अगले वर्ष के अध्यक्ष देश के साथ समन्वय स्थापित करके कार्य करता है और इस प्रक्रिया को ही सामूहिक रूप से ट्रोइका कहते है. यह समूह के एजेंडे की अनुकूलता एवं निरंतरता को सुनिश्चित करता है.विदेश मंत्रालय के मुताबिक जी20 विश्व की 19 अग्रणी अर्थव्यवस्थाओं और यूरोपीय संघ को साथ लाता है और इसके सदस्य वैश्विक जीडीपी का 80 प्रतिशत, वैश्विक व्यापार का 75 प्रतिशत और वैश्विक आबादी के 60 प्रतिशत हिस्से का प्रतिनिधित्व करते हैं. जी20 में अर्जेंटीना, ऑस्ट्रेलिया, ब्राज़ील, कनाडा, चीन, जर्मनी, फ्रांस, भारत, इंडोनेशिया, इटली, जापान, मेक्सिको, रूस, सऊदी अरब, दक्षिण अफ्रीका, दक्षिण कोरिया, तुर्की, यूनाइटेड किंगडम, संयुक्त राज्य अमेरिका और यूरोपीय संघ शामिल हैं.