भारत ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में पाकिस्‍तान को लगाई जमकर फटकार, कहा- 26/11 के साजिशकर्ताओं को शह दे रही इमरान सरकार

भारत ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UN Security Council) में पाकिस्‍तान को जमकर लताड़ लगाई है। भारत ने कहा है कि पाकिस्‍तान आतंकियों को लगातार संरक्षण दे रहा है।

Update: 2022-01-26 18:38 GMT

भारत ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UN Security Council) में पाकिस्‍तान को जमकर लताड़ लगाई है। भारत ने कहा है कि पाकिस्‍तान आतंकियों को लगातार संरक्षण दे रहा है। पाकिस्‍तान में 26/11 के मुंबई हमले (26/11 Mumbai Attacks) के साजिशकर्ताओं को संरक्षण मिलना जारी है। यूएनएससी में मंगलवार को 'सशस्त्र संघर्ष में आम नागरिकों की सुरक्षा' विषय पर आयोजित एक खुली बहस में भारत ने यह भी कहा कि दुनियाभर में होने वाले अधिकांश आतंकी हमले किसी न किसी रूप में पाकिस्तान से जुड़े होते हैं।

संयुक्‍त राष्‍ट्र में इस्लामाबाद के राजदूत मुनीर अकरम की ओर से कश्मीर मुद्दा उठाने पर भारत ने पाकिस्तान को जमकर लताड़ लगाई। यूएन में भारत के स्थाई मिशन में काउंसलर आर मधुसूदन ने कहा कि सभी सदस्य देश जानते हैं कि पाकिस्तान का इतिहास आतंकियों को संरक्षण और सहयोग देने का रहा है। पाकिस्‍तान वह मुल्‍क है जिसको वैश्विक स्तर पर आतंकवाद का प्रायोजक करार दिया जा चुका है। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की ओर से प्रतिबंधित सर्वाधिक आतंकियों को सुरक्षित पनाह देने का शर्मनाक रिकार्ड पाकिस्‍तान के नाम ही दर्ज है।
आर मधुसूदन (R. Madhu Sudan) ने कहा कि दुनियाभर में होने वाले ज्यादातर आतंकी हमलों का संबंध किसी न किसी रूप में पाकिस्तान से जुड़ता है। गौर करने वाली बात यह है कि संयुक्‍त राष्‍ट्र में भारत का यह बयान अमेरिका के टेक्सास में एक धार्मिक स्थल में हुए बंधक संकट के कुछ दिन बाद आया है। पाकिस्तानी मूल के ब्रिटिश आतंकी मलिक फैजल अकरम के मारे जाने के बाद यह बंधक संकट खत्‍म हुआ था।
यूएन में भारत के स्थाई मिशन में काउंसलर आर मधुसूदन ने कहा कि इस मसले पर भारतीय राजदूत टीएस तिरुमूर्ति की ओर से भारत का पक्ष रखे जाने के बाद वह संयुक्‍त राष्‍ट्र सुरक्षा परिषद के मंच पर इसलिए बोल रहे हैं क्योंकि पाकिस्तान की ओर से भारत के खिलाफ बेहद आपत्तिजनक टिप्पणी करके इस मंच का दुरुपयोग किया गया है। ऐसे में जरूरी हो जाता है कि पाकिस्‍तान को करारा जवाब दिया जाए। पाकिस्तानी राजदूत की टिप्पणियों की सामूहिक निंदा होनी चाहिए।
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