मुंबई: राष्ट्रीय विपक्षी गठबंधन 'इंडिया' सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी की कथित 'फूट डालो और राज करो' की नीति के खिलाफ राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की 154वीं जयंती के अवसर पर आज दोपहर यहां 'आई एम गांधी' ('मैं भी गांधी') शांति पदयात्रा के साथ अपनी राजनीतिक ताकत दिखाएगा।
मुंबई कांग्रेस अध्यक्ष प्रोफेसर वर्षा गायकवाड़ ने इंडिया ब्लॉक के शीर्ष नेताओं के साथ मुंबई और शेष महाराष्ट्र में लगातार हो रही नफरत की घटनाओं की निंदा की। “इन घटनाओं की निंदा करते हुए, समाज में सद्भावना पैदा करने की भी सख्त जरूरत है।
प्रो. गायकवाड़ ने कहा, इंडिया गठबंधन आज पैदल मार्च के माध्यम से लोगों के बीच गांधीजी की प्रेम, शांति और सद्भावना की शिक्षाओं का प्रसार करेगा। उन्होंने कहा कि आज महात्मा गांधी और पूर्व पीएम लाल बहादुर शास्त्री की जयंती पर मेट्रो सिनेमा से मंत्रालय तक हजारों लोग 'आई एम गांधी' पैदल मार्च में भाग लेंगे।
इसमें समाजवादी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष और विधायक अबू आजमी, पूर्व विधायक और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी की नेता विद्या चव्हाण, राकांपा शहर अध्यक्ष राखी जाधव, आम आदमी पार्टी शहर अध्यक्ष प्रीति शर्मा-मेनन, सीपीआई के प्रकाश रेड्डी, डीएमके के राज्य प्रमुख ए मीरान, सीपीएम के शैलेन्द्र कांबले, पीजेंट एंड वर्कर्स पार्टी के नेता साम्य कोर्डे, जेडीयू अध्यक्ष अमित झा, राष्ट्रीय जनता दल के नेता मोहम्मद इकबाल और अन्य शामिल होंगे।
राजनीतिक नेताओं के अलावा, गांधीवादी और धर्मनिरपेक्षतावादी जैसे तुषार गांधी, डॉ. जी.जी. पारिख, फिरोज मीठीबोरवाला, गुड्डी एस.एल., राम पुनियानी, इरफान इंजीनियर, संध्या गोखले, निरंजनी शेट्टी, प्रेरणा देसाई, अली भोजानी और नागरिक समाज के कार्यकर्ता भी मार्च में शामिल होंगे।
प्रो. गायकवाड़ ने कहा कि पूरे देश में अलग-अलग रूपों में नफरत की घटनाएं बढ़ रही हैं, चाहे मराठी लोगों को आवास न देना हो या शहर में एक मराठी लड़के की पिटाई, जिसके लिए भाजपा और आरएसएस जिम्मेदार हैं। “हम इन घटनाओं और भाजपा के दोहरेपन की निंदा करते है। उन्होंने कहा, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जब विदेश जाते हैं, तो वह महात्मा गांधी और गौतम बुद्ध के सामने झुकते हैं, लेकिन घर वापस आकर, उनके अनुयायी गांधीजी के हत्यारों का महिमामंडन करते हैं, गालियां देते हैं, राष्ट्रीय ध्वज और राष्ट्रगान का अपमान करते हैं।
सामाजिक कार्यकर्ताओं ने कहा कि पदयात्रा की थीम 'नफ़रतों भारत छोड़ो, मोहब्बत से दिलों को जोड़ो, भारत जोड़ो, भारत जोड़ो' है और यह गांधीजी के प्रिय सार्वभौमिक शांति, भाईचारे, सांप्रदायिक सद्भाव के आदर्शों का प्रचार है।