भारत 'कोविड-19' के वैक्सीन पर TRIPS करार से छूट के प्रस्ताव पर जल्द निर्णय की वकालत की
'कोविड-19' के वैक्सीन
नई दिल्ली. भारत ने कोविड-19 के वैक्सीन, थेरप्यूटिक्स (Therapeutics) और इलाज के लिए विश्व व्यापार संगठन (WTO) में ट्रिप्स (TRIPS) से छूट के प्रस्ताव पर जल्द निर्णय की वकालत की है. वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल (Piyush Goyal) ने शुक्रवार को एक बैठक में खाद्य सुरक्षा के मकसद से सार्वजनिक भंडारण की सीमा के एक स्थायी, बेहतर और समानता वाले समाधान पर जोर दिया. इस बैठक में ब्रिक्स (BRICS) के व्यापार मंत्री भी शामिल हुए.
उन्होंने तेजी से बदलती दुनिया में उभरती नई टेक्नोलॉजी को अपनाने की भी वकालत की. साथ ही गोयल ने कहा कि डाटा संरक्षण और साइबर सुरक्षा की चुनौतियों का समाधान ढूंढने की जरूरत है. एक बयान में कहा गया है कि गोयल ने खाद्य सुरक्षा के लिए सार्वजनिक भंडारण के एक स्थायी और समानता वाले समाधान पर जोर दिया. साथ ही उन्होंने कहा कि वैक्सीन के लिए ट्रिप्स की छूट के प्रस्ताव पर फैसला जल्द होना चाहिए.अक्टूबर, 2020 में भारत और दक्षिण अफ्रीका ने पहला प्रस्ताव देते हुए कहा था कि सभी डब्ल्यूटीओ सदस्यों को ट्रिप्स समझौते के कुछ प्रावधानों के क्रियान्वयन से छूट मिलनी चाहिए. इससे कोविड-19 महामारी की रोकथाम और इलाज में मदद मिलेगी. इस साल मई में भारत, दक्षिण अफ्रीका और इंडोनेशिया सहित 62 सह-प्रायोजकों ने संशोधित प्रस्ताव दिया था.
क्या है TRIPS
बौद्धिक संपदा अधिकार के व्यापार संबंधी पहलुओं यानी ट्रिप्स (Trade-Related Aspects of Intellectual Property Rights) पर करार जनवरी, 1995 में लागू हुआ था. यह बौद्धिक संपदा अधिकार (IP Rights) मसलन कॉपीराइट, इंडस्ट्रियल डिजाइन, पेटेंट और अघोषित सूचना या ट्रेड सीक्रेट के संरक्षण से संबंधित बहुपक्षीय करार है.
गोयल ने इसके साथ ही कहा कि ब्रिक्स देशों को बहुपक्षीय प्रणाली को मजबूत करने के लिए मिलकर काम करना चाहिए. उन्होंने कहा कि आगामी डब्ल्यूटीओ मंत्री स्तरीय सम्मेलन में एक संतुलित और समावेशी परिणाम की जरूरत है.