बढ़ा सियासी पारा: शिवसेना और मनसे में पोस्टर विवाद

Update: 2022-05-09 05:51 GMT

अयोध्या: कभी राम जन्मभूमि आंदोलन को लेकर सियासी रूप से हिंदुत्व की प्रयोगशाला माना जाने वाला अयोध्या अब एक बार फिर सियासी अखाड़ा बना हुआ है. इस बार महाराष्ट्र के नेताओं का पोस्टर वार अयोध्या की सड़कों पर दिखाई पड़ रहा है. महाराष्ट्र में शिवसेना और महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (MNS) के टकराव की आहट अयोध्या में सुनायी पड़ रही है.

MNS प्रमुख राज ठाकरे का अयोध्या दौरा अब से ठीक एक महीने बाद होना है, लेकिन इसको लेकर अभी से सियासत गर्म है. वजह ये है कि राज ठाकरे के 5 जून को होने वाले दौरे के ठीक 5 दिन बाद यानी 10 जून को उनके भतीजे आदित्य ठाकरे भी अयोध्या आएंगे. अयोध्या में दोनों के दौरे को लेकर पोस्टर लग गए, जिससे सियासी पारा गरमा गया है.
अयोध्या में पोस्टर के जरिए चुनौती
महाराष्ट्र नव निर्माण सेना के राज ठाकरे 5 जून को अयोध्या आ रहे हैं. राज ठाकरे रामलला के दर्शन करेंगे. हाल ही में हिंदुत्व को लेकर आक्रामक हुए राज ठाकरे के इस दौरे से हिंदुत्व के पक्ष में माहौल बनाने की कोशिश की जा रही है. राज ठाकरे के दौरे को प्रकार अयोध्या की सड़कों पर अभी से पोस्टर लग गए हैं.
इस पोस्टर्स पर लिखा है- 'राज तिलक की करो तैयारी, आ रहे हैं भगवा धारी.' इस पोस्टर को न सिर्फ़ सियासी चुनौती के तौर पर देखा गया बल्कि लाउड स्पीकर को लेकर जिस तरह से राज ठाकरे ने शिवसेना की सरकार कर सवाल उठाए हैं, उसको देखते हुए अयोध्या से हिंदुत्व का एक संदेश देने की पहल के तौर पर भी देखा गया.
अब अयोध्या में शिवसेना के नाम से पोस्टर लग गए. पोस्टर में बाल ठाकरे, उद्धव ठाकरे और आदित्य ठाकरे की तस्वीरें लगाकर लिखा गया- 'असली आ रहा है नक़ली से सावधान.' यानी सीधे तौर कर ये पोस्टर राज ठाकरे के अयोध्या दौरे और उनके पोस्टर के जवाब में लगाया गया.
ये पोस्टर अयोध्या के नया घाट, टेढ़ी बाज़ार जैसे क्षेत्रों में लगाया गया. हालांकि जैसे ही पोस्टर प्रशासन की नज़र में आए उनको हटवा दिया गया. राज ठाकरे 5 जून को अयोध्या आएंगे और आदित्य ठाकरे के 10 जून को अयोध्या आने की संभावना है. लाउड स्पीकर विवाद के बाद अब अयोध्या में शिव सेना और महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना आमने सामने होंगे.
शिव सेना प्रवक्ता और राजू सभा सांसद संजय राउत ने कहा कि हमारे लिए ये राजनीति का नहीं, विश्वास का विषय है. साथ ही राज ठाकरे के दौरे पर कटाक्ष करते हुए ये भी जोड़ दिया की जो लोग फ़र्ज़ी भावना से आते हैं, उनको भगवान राम आशीर्वाद नहीं देते. फिलहाल अयोध्या के एक होटल में राज ठाकरे के दौरे से पहले अभी से कमरे बुक हो चुके हैं.
इधर राज ठाकरे के अयोध्या आने की घोषणा के बाद बीजेपी सांसद बृज भूषण शरण सिंह के नाम से भी पोस्टर लग गए थे. उन्होंने सोशल मीडिया पर भी राज ठाकरे को चेतावनी दी और उत्तर भारतियों के प्रति उनकी सोच और व्यवहार के लिए माफ़ी मांगने के लिए कहा.
क्यों अहम है राज ठाकरे और आदित्य ठाकरे का दौरा
राम मंदिर आंदोलन की वजह से अयोध्या हिंदुत्व की राजनीति के प्रतीक के तौर पर देखा जाता रहा है. राज ठाकरे महाराष्ट्र में लाउड स्पीकर पर आक्रामक आंदोलन कर अपने हिंदुत्व की छवि को धार देने की कोशिश कर रहे हैं. ऐसे में उनका अयोध्या दौरा महत्वपूर्ण है. इधर शिवसेना पर हिंदुत्व की राजनीति से हटने पर चर्चा होती रही है. ऐसे में राज ठाकरे के दौरे से 5 दिन बाद आदित्य ठाकरे का अयोध्या दौरा राज ठाकरे के दौरे के जवाब के तौर कर देखा जा रहा है.
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