हरियाणा। खरीफ की बुवाई की शुरुआत लगभग हो चुकी है. हालांकि, इस बार किसानों के सामने सिंचाई का भारी संकट खड़ा होने वाला है. दरअसल, हरियाणा समेत उत्तर भारत के तमाम राज्य भारी जल संकट से गुजर रहे हैं. वहीं, खरीफ फसलों को सिंचाई की अधिक आवश्यकता पड़ती है. ऐसे में किसानों के उत्पादन पर बुरा प्रभाव पड़ने वाला है. धान के उत्पादन पर ज्यादा असर ना पड़े इसके लिए सरकार किसानों के सामने एक नया विकल्प लेकर आई है. हरियाणा सरकार ने किसानों को धान की सीधी बुवाई करने पर प्रति एकड़ 4000 रुपये की प्रोत्साहन राशि देने का फैसला किया है. वहीं, डीसीआर मशीन पर भी 40 हजार रुपये तक का अनुदान दिया जा रहा है.
धान की बुवाई दो प्रकार से होती है. पहला तरीका है धान की बुवाई के लिए नर्सरी तैयार करनी पड़ती है. नर्सरी के तहत धान की बुवाई करने से खेतों में पानी की आवश्यकता अधिक होती है. वहीं सीधी बिजाई के तहत किसान धान के बीज को सीधे खेत में छिड़काव करके या सीड ड्रिल यानी डीसीआर मशीनों से बोते हैं. ऐसे में फसलों को उतना ही पानी देना पड़ता है जितने की आवश्यकता है. धान की बुवाई की ये तकनीफ अपनाने पर तकरीबन 25 से 30 प्रतिशत पानी का बचत होता है.
इस योजना का लाभ उठाने के लिए अब इच्छुक किसानों के पास सिर्फ कुछ दिन बचे हैं. किसान मेरी फसल मेरा ब्योरा पोर्टल पर 30 जून तक ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं. आवेदन के बाद कृषि अधिकारियों और पटवारी द्वारा बुवाई की समीक्षा कर किसानों के बैंक खाते में प्रोत्साहन राशि ट्रांसफर कर दी जाएगी. बता दें कि हरियाणा के अलावा पंजाब सरकार भी किसानों को धान की सीधी बुवाई पर किसानों 1500 रुपये तक की सब्सिडी दे रही है. इसके अलावा अन्य राज्य भी किसानों को इस तरह के विकल्प अपनाने के लिए प्रोत्साहित कर रहे हैं.