इस गांव में हर घर से देश की सेवा में समर्पित हैं बेटे, चलाई जाती है मुहिम
देश के लिए शहीद हुए हैं गांव के बेटे।
हजारीबाग: झारखंड के हजारीबाग से 10 किलोमीटर की दूरी पर इचाक प्रखंड का एक गांव है भूसाई. 80 से 100 घर वाले इस गांव की खासियत यह है कि यहां हर घर से कोई न कोई वर्दीधारी है. यानी गांव के हर घर से कम से कम एक और अधिक से अधिक 6 व्यक्ति सेना, अर्ध सैनिक बल, सीआरपीएफ, सीआईएसफ, राज्य पुलिस या रेलवे पुलिस जैसी जगहों में अपनी सेवा दे रहे हैं.
आज इस गांव की तीसरी पीढ़ी देश सेवा में जा चुकी है और बहुत से लोग सेवानिवृत्त भी हो चुके हैं. इसलिए इस गांव को वर्दी वाला गांव कहा जाता है. गांव में युवाओं को अफसर बनाने के लिए पूरे गांव में मुहिम चलती रहती है. हर कोई युवाओं को प्रेरित करता रहता है. युवा भी सुबह शाम कसरत करते हैं और एक्सरसाइज करते हैं.
गांव के कई बेटों ने देश के लिए अपनी जान भी दी है. गांव के एक जवान ने कश्मीर के अनंतनाग में देश के लिए जान दी. वहीं बिहार पुलिस में तैनात इस गांव के एक इंस्पेक्टर की मौत ड्यूटी के दौरान हुई थी.
इस पूरे गांव से लगभग 150 से अधिक लोग देश के विभिन्न पदों पर नियुक्त हैं. इस गांव के लोगों को वर्दीधारी देख दूसरे गांव भी प्रेरित हो रहे हैं और अब भूसाई के आसपास के गांव के भी युवा सेना या अन्य पुलिस सेवा में जाना चाहते हैं. वे इस गांव के युवाओं से टिप्स लेते हैं और प्रयासरत रहते हैं कि किसी तरह वह भी देश सेवा में चले जाएं.