जनता दल यूनाइटेड की बैठक में नीतीश कुमार ने बीजेपी को लेकर कहीं बड़ी बातें
बिहार। जनता दल यूनाइटेड की राष्ट्रीय परिषद की दूसरे दिन और आखिरी दिन रविवार को बैठक आयोजित की गई. इसमें बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बीजेपी को लेकर बड़ी बातें कहीं. उन्होंने बैठक में पार्टी नेताओं के सामने खुलकर स्वीकार किया कि हमसे 2017 में गलती हुई थी. नीतीश ने एनडीए में शामिल होने के निर्णय को मूर्खतापूर्ण तक बताया. नीतीश ने कहा कि 2013 में हम लोग एनडीए से अलग हो गए थे. एक गलती हुई है. 2017 में फिर से एनडीए में वापस चले गए, जिसकी वजह से कुछ राज्यों के कई लोग हम लोग से अलग हो गए.
नीतीश ने कहा कि फिर से अब जब एनडीए से अलग हुए तो लोग कह रहे हैं कि यह ठीक है. उन्होंने कहा कि 2017 में बीजेपी के साथ वापस जाने की हमने मूर्खता की थी. इसके बाद पता चला कि बीजेपी हमारी पार्टी को ही तोड़ना चाहती है. उन्होंने आगे कहा कि यह जान लीजिए कि जब तक जनता दल यूनाइटेड पार्टी है, कभी भी अब उनके साथ (बीजेपी) किसी भी प्रकार का समझौता भविष्य में नहीं करेंगे. Never, सवाल ही पैदा नहीं होता है. उन्होंने कहा कि विपक्ष के कई नेता मुझे फोन करते हैं और उनसे कहता हूं कि हम लोग साथ रहेंगे तो बीजेपी को हराया जा सकता है. नीतीश ने कहा कि हम कुछ दिनों में दिल्ली जाएंगे और विपक्ष के नेताओं से मिलेंगे. कांग्रेस समेत अन्य विपक्षी पार्टियां एकजुट होकर साथ रहेंगे तो बीजेपी का कोई भविष्य नहीं है. हम लोग अगर एकजुट अगर नहीं होंगे तो उनको लाभ होगा.
इससे पहले नीतीश ने कहा था कि वो सीटों की बात नहीं करते हैं, लेकिन जब सभी विपक्षी दल एक होंगे तो बीजेपी का सफाया तय है. उन्होंने आगे कहा कि वे 5 सितंबर को दिल्ली जाएंगे, जहां वह महागठबंधन के चार दलों के नेता से मिलेंगे. नीतीश ने ये भी कहा था कि आज केंद्र में बैठे लोग श्रद्धेय अटलजी का नाम भी नहीं लेते हैं. उनके काम तक की चर्चा नहीं करते. अटलजी सहयोगी दलों की बात सुनते और मानते थे.
जेडीयू की कार्यकारिणी की बैठक के पहले दिन शनिवार को नीतीश कुमार के समर्थन में नारेबाजी हुई थी. पार्टी नेताओं ने नारे लगाए थे- 'देश का प्रधानमंत्री कैसा हो... नीतीश कुमार जैसा हो'. इसके बाद नीतीश कुमार को छोड़कर सबने जमकर तालियां बजाईं थीं. वहीं, मणिपुर में जेडीयू विधायकों के बीजेपी में शामिल होने पर नीतीश ने नाराजगी जताई थी. उन्होंने कहा था कि देश में इस समय लोकतांत्रिक मूल्यों की धज्जियां उड़ाई जा रही हैं. उन्होंने 2024 के लोकसभा चुनाव में विपक्षी एकता को लेकर कहा था कि अगर 2024 में विपक्ष एकजुट रहा तो निर्णय बहुत अच्छा आएगा. नीतीश ने चेतावनी भरे लहजे में कहा कि 2024 के चुनाव के बाद इन्हें सबक सिखाएंगे. इस दौरान नीतीश ने सवाल पूछा कि दूसरी पार्टी के चुने हुए लोगों को तोड़ना क्या कोई संवैधानिक काम है?