बठिंडा। अपने बच्चों की खातिर दो दलित मासूम भाई-बहनों की बलि दिए जाने के मामले में आज अतिरिक्त सेशन जज सीनियर बलजिंदर सिंह सरा ने सातों आरोपियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई। भविष्य बताने वाला मुख्य आरोपी लखी तांत्रिक कोर्ट में हाथ जोड़कर रोने लगा और रहम की गुहार लगाने लगा। मामले की संवेदनशीलता को देखते हुए आज दोपहर से ही बड़ी संख्या में मीडिया कर्मी कोर्ट में मौजूद रहे और फैसला सुनने के लिए बड़ी संख्या में कोर्ट कर्मचारी मौजूद रहे।
आरोपियों में एक परिवार के छह सदस्य हैं, जिनमें चार महिलाएं और तीन पुरुष हैं। वकील चरणपाल सिंह बराड़ ने सभी आरोपियों को फांसी की सजा की मांग की थी। जज ने सभी पक्षों की दलीलें सुनने के बाद उक्त निर्देश दिए हैं। बता दें कि छह साल पहले 8 मार्च 2017 की रात बठिंडा जिले के कोटफता गांव में आठ वर्षीय मासूम रणजोध सिंह और उसकी तीन वर्षीय बहन अनामिका कौर की हत्या मृतक के परिजनों ने घर में ही कर दी थी। मुख्य आरोपित तांत्रिक लखविंदर उर्फ लखी की शह पर निर्दयतापूर्वक बलि दी गई।