नई दिल्ली: गुजरात के कई जिले भयंकर जल संकट से जूझ रहे हैं. यहां के कई जिलों में ठीक-ठाक बारिश होती है, लेकिन पहाड़ी और चट्टानी इलाकों की वजह से बारिश का पानी रुकता ही नहीं है. यहां के डांग जिले में हर मॉनसून में तकरीबन 125 इंच बारिश दर्ज की जाती है लेकिन पहाड़ी और चट्टानी इलाके के कारण बारिश का सारा पानी समुद्र में बह जाता है.
इतनी अच्छी खासी बारिश के बाद भी यहां के लोगों को पानी के लिए बेहद संघर्ष करना पड़ता है. रोजाना उपयोग के लिए पानी की व्यवस्था करने के लिए भी इन्हें काफी मशक्कत करनी पड़ती है. यहां की ्अधिकतर आबादी खेती-किसानी पर निर्भर है. ऐसे पानी की पर्याप्त व्यवस्था ना होने की वजह से इनके सामने रोजी-रोटी का संकट खड़ा हो जाता है.
वासुरणा गांव के 60 वर्षीय किसान गंगाभाई पवार 20 साल से गांव में सरपंच से कुएं के लिए मदद की मांग कर रहे थे. हालांकि, उनके सरपंच से लेकर प्रशासन द्वारा उनकी कोई मदद नहीं की गई. इसके बाद गंगाभाई ने खुद कुआं खोदना शुरू कर दिया. पहली बार कुआं खोदने पर नीचे पत्थर निकला, दूसरी तीसरी ,और चौथी बार भी पानी की जगह पत्थर ही मिले, लेकिन बिना हार माने गंगाभाई ने पांचवां कुआ खोदना शुरू किया रात-दिन एक करके 2 साल की मेहनत के बाद आखिर पांचवें कुएं में 32 फीट की गहराई पर पानी निकला.
गांव की सरपंच गीताबेन गावित ने गंगाभाई की कड़ी मेहनत की सराहना की और बधाई दी, गांव के अर्जुन बागुल ने कहा कि ये कुआं न केवल गंगाभाई के बल्कि सारे गांव की प्यास बुझाएगा. अब जबकि इस किसान गंगाभाई ने अपनी मेहनत से कुआं खोदकर पानी निकाला है, तो इस कच्चे कुएं को पक्का करने लिए पैसे की जरूरत पैदा हो गई है देखना होगा कि सरकार इस मांग को पूरा करती है या नहीं.