सस्ती रेत का इंतजार कर रहे लोगों के लिए अहम खबर

बड़ी खबर

Update: 2023-02-11 18:53 GMT
जालंधर। लोगों को अभी मकान बनाने के लिए न तो सस्ती रेत मिलेगी और न ही बजरी। पंजाब सरकार अलग-अलग जगहों पर जो नए बिक्री केंद्र खोलने जा रही थी, वे अब कुछ जगह नहीं खुलेंगे। क्योंकि इन बिक्री केंद्रों पर रेत व बजरी लाने के लिए सरकार को अलग से खर्चा पड़ रहा है, जिस कारण लोगों को अभी सरकार द्वारा तय किया गया 5.50 रुपए प्रति क्यूबिक फीट का रेट नहीं मिलेगा। बिल्डिंग मैटीरियल वाले भी रेत व बजरी नहीं उठा रहे हैं। जितनी भी रेत व बजरी सिटी में सप्लाई हो रही है, वे अवैध रूप से ही आ रही है। लोगों को सस्ती रेत व बजरी सप्लाई देने के लिए पंजाब सरकार सभी माइनिंग विभाग से सर्वे रिपोर्ट तैयार करवा रही है, जो अब पूरी हो चुकी है। 20 फरवरी को सर्वे रिपोर्ट जमा करवा दी जाएगी। माइनिंग अधिकारी गुरबीर सिंह ने बताया कि जालंधर जिले में 31 नई साइट्स ढूंढी गई हैं। रेत व बजरी के कारण जहां सरकारी कामों में अभी लगाम लगी हुई है। वहीं लोगों ने मकान बनाने पर भी रोक लगाई हुई है।
जो इस समय मकान बना भी रहा है, उसे चार गुणा दाम पर रेत व बजरी मिल रही है। 550 वाली रेत की ट्रॉली 3500 से लेकर 4000 रुपए में ही दी जा रही है। लोगों का कहना है कि सरकार माइनिंग पॉलिसी लागू नहीं कर रही है। बस वायदे करके और झूठी अफवाहें फैला कर लोगों को गुमराह कर रही है। जो बिक्री केंद्र खोलने की तैयारी थी, वह भी अब नहीं खुलेंगे। विभाग से पता चला कि जिस जगह पर बिक्री केंद्र खोले जाना था, वहां पर सरकार को नुक्सान हो रहा था और महंगे दाम पर ही रेत व बजरी मिल रही थी। पंजाब सरकार रेत व बजरी सस्ती देने के लिए एक नया नियम लाने जा रही है जिसमें ग्राहक अपनी ट्रॉली व लेबर साथ लेकर खनन वाली जगह पर जाएगा। जहां वे 5.50 रुपए प्रति क्यूबिक फीट के हिसाब से रेत ट्रॉली में भरेगा। डिच मशीन से भरने में पूरी तरह से मनाही रहेगी। बिल्डिंग मैटीरियल वालों का कहना है कि अगर वह खुद की ट्रॉली भी भेजते हैं तो लेबर व आने जाने का खर्च उन पर ही पड़ेगा। ग्राहक को फिर भी सस्ती रेत व बजरी नहीं मिलेगी। माइनिंग अधिकारी ने बताया कि इस समय फिरोजपुर के पास सतलुज से ही रेत आ रही है। जालंधर जिले के अधीन आती पिपली वाली खनन भी इस समय चल रही है। उम्मीद है कि जब सारी साइट्स चालू हो जाएंगी तो लोगों को सस्ती रेत व बजरी मिलनी शुरू हो जाएगी।
Tags:    

Similar News

-->