IMA ने बाबा रामदेव पर साधा निशाना, बोले-'कोरोना इलाज और टीकाकरण पर सवाल खड़े करने वाले देशद्रोही'

एलोपैथिक दवाओं को लेकर की गई टिप्पणी के बाद से इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) योग गुरु बाबा रामदेव के ऊपर हमलावार है.

Update: 2021-06-01 15:00 GMT

एलोपैथिक दवाओं को लेकर की गई टिप्पणी के बाद से इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) योग गुरु बाबा रामदेव के ऊपर हमलावार है. उसने मंगलवार को कहा कि रामदेव ने राष्ट्रीय कोविड-19 उपचार के खिलाफ आलोचना करना उचित समझा है. राष्ट्रीय उपचार प्रोटोकॉल और राष्ट्रीय टीकाकरण कार्यक्रम के बारे में भ्रम पैदा करने वाले लोग धोखेबाज और देशद्रोही हैं. वे दया के पात्र नहीं हैं.

उसने एक पत्र लिखकर कहा कि आईएमए महामारी के दौरान मुख्य भूमिका निभा रहा है. वह केंद्र सरकार और सभी राज्य सरकारों के साथ मिलकर काम कर रहा है. आईएमए की स्थापना 1928 में राष्ट्रवादी चिकित्सा पेशेवरों की स्वतंत्रता के लिए लड़ने को लेकर की गई थी. दुनिया का सबसे बड़ा मेडिकल एसोसिएशन आईएमए आज भी राजनीति, धर्म और क्षेत्र से ऊपर है. आईएमए ने हमेशा सभी नेशनल कंट्रोल प्रोग्राम को सपोर्ट किया है. आईएमए ने कहा कि आधुनिक चिकित्सा महामारी से लड़ने में अग्रिम पंक्ति में शामिल है. मेडिकल छात्रों और रेजिडेंट्स से लेकर क्रिटिकल केयर और इमरजेंसी केयर फिजिशियन तक शामिल हैं. लोगों की सुरक्षा में हर एक डॉक्टर को तैनात किया गया है.आधुनिक चिकित्सा की हर शाखा एक टीम के रूप में योगदान दे रही है. जंग जीतनी बाकी है. देश इस संकट की घड़ी में सरकार के साथ खड़ा है.
हर चुनौतीपूर्ण क्षण में राष्ट्र विरोधी तत्व सामने आएः IMA
उसने कहा कि इतिहास के हर चुनौतीपूर्ण क्षण में राष्ट्र विरोधी तत्व सामने आए हैं. रामदेव ने राष्ट्रीय कोविड-19 उपचार के खिलाफ आलोचना करना उचित समझा है. वह यह महसूस करने में असफल रहे कि ऐसा करने में उन्होंने महामारी को रोकने में भारत सरकार के प्रयासों को अपूरणीय क्षति पहुंचाई है. राष्ट्रीय कोविड प्रोटोकॉल और राष्ट्रीय टीकाकरण कार्यक्रम के खिलाफ लोगों के मन में भ्रम पैदा करना जघन्य अनुपात का एक राष्ट्र-विरोधी कार्य है. आईएमए ने इसे देशद्रोह मानकर आपदा प्रबंधन अधिनियम के तहत मुकदमा चलाने की मांग की है. उनका आधुनिक चिकित्सा को मूर्ख विज्ञान कहना बिलकुल अलग आपराधिक कृत्य है. सरकार की निष्क्रियता महामारी से लड़ने वाले डॉक्टरों को गंभीर रूप से आहत करेगी.
राजद्रोह के तहत रामदेव के खिलाफ मामला दर्ज करने की मांग
इससे पहले आईएमए ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर मांग की थी कि कोविड-19 के उपचार के लिए सरकार के प्रोटोकॉल को चुनौती देने और टीकाकरण पर कथित दुष्प्रचार वाला अभियान चलाने के लिए योगगुरु रामदेव पर तत्काल राजद्रोह के आरोपों के तहत मामला दर्ज होना चाहिए. आधुनिक चिकित्सा पद्धति से इलाज करने वाले डॉक्टरों के प्रमुख संगठन ने एलोपैथी के खिलाफ कथित अपमानजनक बयान के लिए रामदेव को मानहानि का नोटिस भी भेजा. संघ ने उनसे 15 दिन के अंदर माफी मांगने को कहा, ऐसा नहीं होने पर वह उनसे 1,000 करोड़ रुपए की क्षतिपूर्ति राशि मांगेगा.
Tags:    

Similar News

-->