बेतिया जिले मे बिना डॉक्टर और लाइसेंस के ही फल-फूल रहा अवैध नर्सिंग होम का धंधा

Update: 2023-04-13 12:27 GMT

बिहार। बेतिया जिले में जगह-जगह खुले अवैध नर्सिंग होम पर कार्रवाई नहीं होने से लोगों की जिंदगी का लगातार सौदा हो रहा है। जिले का कोई ऐसा प्रखंड नहीं है जहां फर्जी क्लिनिक व नर्सिंग होम नहीं खुले हों। जिम्मेदार अधिकारी ऐसे अवैध नर्सिंग होम पर नकेल कसने में दिलचस्पी नहीं लेते हैं। बिना लाइसेंस के चल रहे ऐसे नर्सिंग होम में आए दिन मरीजों की मौत होती है।बिचौलिए व सरकारी अस्पतालों में कार्यरत स्वास्थ्य कर्मी कमिशन एजेंट के रूप में काम करते हुए यहां मरीजों को पहुंचाते हैं, जहां पटना के डॉक्टरों द्वारा इलाज व आपरेशन का झांसा दिया जाता है। जबकि वहां न तो कोई डिग्री वाले डॉक्टर होते हैं और न ही प्रशिक्षित स्टाफ। यहां न तो रजिस्टर्ड लैब की सुविधा होती है और न ही दवा भंडारण का लाइसेंस। गौरतलब है कि हाल ही मे 5 दिन पहले एक मरीज की मौत पर हंगामा हुआ था फिर भी स्वास्थ्य विभाग की आंखें नहीं खुल रही फर्जी नर्सिंग होम के विरुद्ध विभागीय कार्रवाई की गई थी, जो मानक पूरा किए बिना ही चल रहे थे। स्वास्थ्य विभाग की टीम ने एक साथ कई नर्सिंग होम की जांच कर संचालकों के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज कराई थी। कुछ नर्सिंग होम के विरुद्ध कार्रवाई तो जरूर हुई लेकिन इस दौरान जगह-जगह कई फर्जी नर्सिंग होम फिर से खुल गए।

शहर में संचालित है अवैध निजी नर्सिंग होम, इलाज के नाम पर चल रहा लूट व मौत का खेल

खास बात यह है कि कुकुरमुत्ते की तरह खुल रहे इन निजी नर्सिंग होम पर स्वास्थ्य विभाग एवं जिला प्रशासन का कोई नियंत्रण नहीं है। कहा तो ये भी जा रहा है कि स्वास्थ्य विभाग के अंदर इसका एक रैकेट संचालित है। यही वजह है कि सदर अस्पताल से भी मरीज को बहलाकर ऐसे निजी नर्सिंग होम में भर्ती कराया जाता है। नर्सिंग होम के संचालक भाड़े पर डाक्टर और स्टाफ नर्स को बुलाकर ठगी का खेल खेलते हैं।

Tags:    

Similar News

-->