अवैध किडनी ट्रांसप्लांट रैकेट का भंडाफोड़, 9 गिरफ्तार, इतने में किडनी का सौदा...
स्वास्थ्य विभाग के अफसर की शिकायत.
हैदराबाद: तेलंगाना पुलिस ने राचकोंडा क्षेत्र के सरूर नगर में एक निजी अस्पताल में चल रहे अवैध किडनी ट्रांसप्लांट रैकेट का भंडाफोड़ किया है. इस मामले में अब तक 9 लोगों को गिरफ्तार किया गया है. पुलिस ने शनिवार को जानकारी दी कि यह मामला 21 जनवरी को स्वास्थ्य विभाग के एक अधिकारी की शिकायत पर दर्ज किया गया था.
न्यूज एजेंसी की रिपोर्ट के मुताबिक राचकोंडा कमिश्नरेट की टीम ने रंगा रेड्डी जिले के जिला चिकित्सा-स्वास्थ्य अधिकारी (DMHO) के साथ मिलकर 21 जनवरी को इस रैकेट का पर्दाफाश किया. अस्पताल प्रबंधन भी अवैध किडनी ट्रांसप्लांट के इस मामले में शामिल था.
जांच के दौरान, अस्पताल में चार लोगों को पाया गया, जिनमें दो तमिलनाडु से आए डोनर और दो किडनी लेने वाले शामिल थे. किडनी लेने वाले पहले ही किडनी ट्रांसप्लांट करा चुके थे. चारों को बाद में गांधी अस्पताल में आगे के इलाज के लिए ट्रांसफर कर दिया गया.
स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने अस्पताल को सील कर दिया है. जांच में पाया गया कि अस्पताल के पास किडनी ट्रांसप्लांट सर्जरी करने की कोई अनुमति नहीं थी. गिरफ्तार किए गए 9 लोगों में अस्पताल के प्रबंध निदेशक सुमंत और दो डॉक्टर शामिल हैं. इसके अलावा, पांच मेडिकल असिस्टेंट्स को भी गिरफ्तार किया गया है. पुलिस ने बताया कि दो लोगों को 23 जनवरी को गिरफ्तार किया गया था, जबकि बाकी सात को शनिवार को पकड़ा गया है.
पुलिस के मुताबिक, इस रैकेट में मुख्य रूप से दो सर्जन शामिल हैं, जो तमिलनाडु और जम्मू-कश्मीर से हैं. इसके अलावा, विशाखापट्टनम के तीन लोग अभी फरार हैं. ये लोग डोनर और किडनी लेने वालों की व्यवस्था करने का काम करते थे.
रिपोर्ट के मुताबिक से प्रत्येक किडनी ट्रांसप्लांट के लिए लगभग 55-60 लाख रुपये वसूले जाते थे, जिसे रैकेट में शामिल सभी लोगों के बीच बांटा जाता था. तेलंगाना के स्वास्थ्य मंत्री सी. दामोदर राजनारसिम्हा ने 24 जनवरी को इस मामले की जांच सीआईडी को सौंपने का निर्देश दिया.
उन्होंने अधिकारियों के साथ बैठक कर मामले की समीक्षा की और पड़ोसी राज्यों कर्नाटक, तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश और केरल की सरकारों को इस रैकेट के विवरण को साझा करने का निर्देश दिया. पुलिस फरार आरोपियों की तलाश कर रही है और मामले की गहराई से जांच जारी है.