आईआईटी के सीनियर प्रोफेसर ने की भविष्यवाणी, फरवरी में होगा ओमिक्रॉन का पीक

बड़ा दावा

Update: 2022-01-01 00:49 GMT

दिल्ली। देश में ओमिक्रॉन के बढ़ते मामलों पर कानपुर आईआईटी के सीनियर प्रोफेसर मणींद्र अग्रवाल ने राहत वाली बात कही है. उन्होंने दावा किया है कि फरवरी में ओमिक्रॉन का पीक होगा, लेकिन मरीजों की संख्या न तो अधिक होगी और न ही मरीजों को हॉस्पिटल में भर्ती होना पड़ेगा. उन्होंने कहा कि फरवरी के बाद ओमिक्रॉन की लहर धीरे-धीरे कम होने लगेगी.

गणितीय मॉडल के आधार पर साउथ अफ्रीका से भारत की तुलना के बाद उन्होंने कहा कि दोनों देशों की स्थिति पापुलेशन और नेचुरल इम्यूनिटी एक जैसी है. वहां 17 दिसंबर को ओमिक्रॉन पीक पर था, अब वहां ओमिक्रॉन के केस तेजी से कम हो रहे हैं. साउथ अफ्रीका में नेचुरल इम्यूनिटी लगभग 80 प्रतिशत तक है. इसी को आधार बनाते हुए प्रोफेसर अग्रवाल ने कहा कि साउथ अफ्रीका की तरह ही इंडिया में भी ओमिक्रॉन के केस बढ़ेंगे, लेकिन ज्यादातर मरीजों को अस्पताल में भर्ती नहीं होना पड़ेगा. यूरोप में नेचुरल इम्यूनिटी कम है, इसलिए वहां केस बढ़ रहे हैं.

प्रोफेसर अग्रवाल ने पांच राज्यों के होने जा रहे चुनावों से ओमिक्रॉन के केसों की बढ़ने की आशंका पर कहा कि चुनावों को लेकर मुझे ज्यादा जानकारी नहीं है, लेकिन इतना कह सकता हूं कि दूसरी लहर में डेल्टा के समय पांच राज्यों में भी चुनाव हुए थे लेकिन डेल्टा का कोई बहुत ज्यादा असर उन राज्यों में नहीं पाया गया था. अब चुनाव टालने या न टालने का निर्णय चुनाव आयोग को यह देखकर लेना चाहिए कि तीसरी लहर का पीक फरवरी में होगा. बता दें कि प्रोफेसर अग्रवाल की पहली और दूसरी लहर में की गई भविष्यवाणी काफी सटीक थी. अग्रवाल ने कोरोना की तीसरी लहर से बचने के लिए लोगों को घरों में नए साल का जश्न मनाने की सलाह दी है. उन्होंने कहा कि भीड़ वाले इलाकों से जितना हो सके, बचे रहें. मास्क लगाए और सुरक्षित रहें.


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