कोरोना पर IIT का डराने वाला दावा, 'जनवरी में आ सकती है तीसरी लहर'...रोजना आएंगे इतने केस!
नई दिल्ली: कोरोना के सबसे संक्रामक वेरिएंट ओमिक्रॉन से पूरे देश के सामने खतरा बढ़ गया है। रिसर्चर्स की माने, तो ओमिक्रोन देश में तीसरी लहर का कारण बन सकता है। इस सिलसिले में आईआईटी कानपुर की एक बेहद महत्वपूर्ण और डराने वाली रिपोर्ट सामने आई है। अब तक देश में ओमिक्रॉन की एंट्री और कोरोना के लगातार बढ़ते केसेज पर आधारित अपनी स्टडी में आईआईटी कानपुर के रिसर्चर्स ने दावा किया है कि देश में कोरोना की तीसरी लहर जनवरी तक शुरू हो सकती है और फरवरी में डेढ़ लाख रोजाना केस के साथ महामारी पीक पर पहुंच सकता है। ये रिपोर्ट उस आशंका को बल दे रही है, जिसमें देश में तीसरी लहर का खतरा तमाम एक्सपर्ट्स जता रहे थे।
देश में अभी ओमिक्रॉन के तो सिर्फ 4 ही मरीज मिले हैं , लेकिन इसके फैलने का खतरा बढ़ता ही जा रहा है। पिछले कुछ दिनों में देश के 6 राज्यों में कोरोना के केस दोगुने से भी ज्यादा हो गए हैं इसे देखते हुए केन्द्र सरकार ने सभी 6 राज्यों को अलर्ट लेटर भेजा है। तीसरी लहर के लिए तीसरी बड़ी वजह विदेशों से आ रहे यात्री हो सकते हैं इनमें से भी वो, जो एयरपोर्ट पर उतरने के बाद अपने सारे कॉन्टैक्ट बंद कर रहे हैं। अब तक पांच राज्यों में विदेश से आए 586 यात्री लापता बताए जा रहे हैं इसे देखते हुए देश भर में एयरपोर्ट्स पर निगरानी और टेस्टिंग काउंटर बढ़ा दिए गए हैं।
तो अब तक तीसरी लहर की जो आशंका जताई जा रही है, वो क्या एक से दो महीने में सच साबित होने वाली है? इसके तीन बड़े फैक्टर हैं, जो बेहद डराने वाले हैं। पहला- आईआईटी कानपुर जैसे जाने-माने इंस्टीट्यूट की रिपोर्ट, दूसरा- त्योहारी सीजन के बाद देश के हर राज्य में बढ़ रहे कोरोना केस, खासकर 6 राज्यों में दोगुने से ज्यादा मिल रहे मरीज और तीसरा है- ओमिक्रॉन की दस्तक।
देश में कोरोना के बढ़ते मामलों के लिहाज से 6 राज्य खतरा बन सकते हैं, उन्हें केन्द्र सरकार ने चिट्ठी लिखी है। कर्नाटक, तमिलनाडु, केरल, ओडिशा, मिजोरम और जम्मू कश्मीर को चिट्ठी लिखी गई है। ओमीक्रॉन वेरिएंट के बढ़ते खतरे को देखते हुए सरकार ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को अलर्ट किया है। उन्हें सलाह दी गई है कि वो अंतरराष्ट्रीय यात्रियों पर कड़ी नजर रखें। उभरते हॉटस्पॉट की कड़ी निगरानी करें और संक्रमित लोगों के संपर्क में आए लोगों का तुरंत पता लगाकर उन्हें आइसोलेट करें। इसके अलावा सभी संक्रमित नमूनों को जीनोम सीक्वेंसिंग के लिए भेजने, मामलों की तुरंत पहचान करने और स्वास्थ्य ढांचे की तैयारियों की समीक्षा करने के लिए भी कहा गया है।