आईआईटी को मिले रिकॉर्ड 231 करोड़ रुपए, पूर्व छात्रों, उद्योगों व आर्थिक सहयोगियों का योगदान
नई दिल्ली: आईआईटी मद्रास को 231 करोड़ रुपए मिले हैं। आईआईटी को यह धन उसके पूर्व छात्रों, उद्योगों और आर्थिक सहयोगियों ने दिया है। यह 231 करोड़ रुपए अकेले वित्त वर्ष 2022-23 में जुटाए गए हैं। आईआईटी ने एक वर्ष के भीतर इतनी बड़ी धनराशि एकत्र करने का रिकॉर्ड कायम किया है। किसी एक वित्त वर्ष में जुटाई गई यह अब तक की सबसे बड़ी धनराशि है, जो सामाजिक लाभ की परियोजनाओं पर खर्च की जाएगी। आईआईटी का कहना है कि परिसर की सभी बुनियादी सुविधाएं बेहतर बनाने में पूर्व छात्र मदद कर रहे हैं, जैसे इनोवेशन हब, इनडोर खेल परिसर बनाना या फिर परिसर के अंदर परिवहन के लिए इलेक्ट्रिक बसें खरीदना। आईआईटी मद्रास एक विश्वस्तरीय स्टार्टअप इकोसिस्टम बनाने के लिए अपने पूर्व छात्रों के सहयोग से काम कर रही है।
वित्त वर्ष 22 में 131 करोड़ रुपए जुटाने की तुलना में यह साल-दर-साल 76 प्रतिशत की वृद्धि है। आईआईटी के मुताबिक उन्हें 1 करोड़ रुपए से अधिक धनराशि देने वालों की संख्या पिछले वर्ष की तुलना में 64 प्रतिशत बढ़ी है। पिछले 10 वर्षों में कुल मिला कर इस धनराशि में 45 प्रतिशत सीएजीआर की वृद्धि दिखी है। भारत और पूरी दुनिया में मौजूद संस्थान के पूर्व छात्रों और आर्थिक सहयोगियों ने लगभग 96 करोड़ रुपए का योगदान दिया। उन्होंने बुनियादी ढांचे के विकास, अनुसंधान, छात्रों के लिए छात्रवृत्ति के नाम पर योगदान दिए।
दिल खोल कर आर्थिक सहयोग देने के लिए पूर्व छात्रों और उद्योग जगत का आभार व्यक्त करते हुए प्रोफेसर महेश पंचाग्नुला, डीन (पूर्व छात्र और कॉपोर्रेट संबंध), आईआईटी मद्रास ने कहा, पूर्व छात्रों ने अपने अल्मा मेटर को जो प्यार और स्नेह दिया है उससे हम अभिभूत हैं। उनका योगदान साल दर साल बढ़ रहा है। पूरी दुनिया में हमारी सफलता में पूर्व छात्रों और कॉपोर्रेट जगत के समर्थन का बड़ा महत्व है। आने वाले वर्षों में उनके निरंतर सहयोग से हम आईआईटी मद्रास को विश्वशिखर पर ले जाने का प्रयास करेंगे। सीएसआर प्रभाग में पिछले वर्ष की तुलना में 56 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई, जिसमें केवल पिछले वर्ष ही 40 नई साझेदारियां की गईं। ऐसे आर्थिक सहयोगियों का सबसे अधिक ध्यान ऊर्जा, पर्यावरण, स्वास्थ्य और शिक्षा में प्रौद्योगिकी से प्रोत्साहित प्रयासों के अलावा सीएसआर के तहत अनुसंधान पर केंद्रित है।
कविराज नायर, मुख्य कार्यकारी अधिकारी, संस्थान विकास कार्यालय, आईआईटी मद्रास ने कहा, संस्थान विकास कार्यालय, पूर्व छात्रों, फाउंडेशनों और कॉपोर्रेट संगठनों के सहयोग से संस्थान के लिए स्थायी संपत्ति बनाने में सहायक रहा है। हम लोगों के आर्थिक योगदान से परस्पर संबद्ध विषयों के उत्कृष्ट केंद्र बनाने में सफल रहे हैं, जिनके माध्यम से स्वास्थ्य, जलवायु परिवर्तन, ऊर्जा, कौशल विकास और कृषि जैसे सामाजिक प्रभाव के क्षेत्रों में नई प्रौद्योगिकी के विकास और व्यावहारिक उपयोग पर जोर दे रहे हैं। वे बतौर छात्रवृत्ति और फेलोशिप जरूरतमंद छात्रों को आर्थिक सहायता भी प्रदान करते हैं।