आईएएनएस-सीवोटर सर्वे: पहलवानों की शिकायत पर पुलिस की कार्रवाई से ज्यादातर लोग असंतुष्ट

Update: 2023-06-05 10:07 GMT

फाइल फोटो

नई दिल्ली (आईएएनएस)| भाजपा सांसद और भारतीय कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष बृज भूषण शरण सिंह के खिलाफ पहलवानों के विरोध पर जनता की राय जानने के लिए आईएएनएस के लिए सीवोटर द्वारा कराए गए एक विशेष सर्वेक्षण से पता चलता है कि मामले दिल्ली पुलिस की अब तक की कार्रवाई से ज्यादातर लोग संतुष्ट नहीं हैं। लगभग 59 प्रतिशत उत्तरदाताओं ने कहा कि वे बृजभूषण सिंह के खिलाफ कुछ महिला पहलवानों द्वारा लगाए गए यौन उत्पीड़न के गंभीर आरोपों की जांच करते हुए दिल्ली पुलिस द्वारा अब तक की गई कार्रवाई से संतुष्ट नहीं हैं। इसके विपरीत, 30 प्रतिशत से कम लोगों ने दिल्ली पुलिस द्वारा की गई कार्रवाई पर संतोष व्यक्त किया।
गौरतलब है कि एनडीए को समर्थन और वोट देने वाले करीब 47 प्रतिशत उत्तरदाताओं ने दिल्ली पुलिस के खिलाफ असंतोष व्यक्त किया। महिला पहलवान पहली बार जनवरी 2023 में सिंह के खिलाफ अपने आरोपों के साथ सार्वजनिक हुईं, इसके बाद खेल मंत्रालय ने आरोपों की जांच के लिए एक समिति का गठन किया।
मामले में पुलिस की कार्रवाई से असंतुष्ट पहलवानों ने सिंह के खिलाफ त्वरित और सख्त कार्रवाई की मांग करते हुए दिल्ली के जंतर मंतर पर विरोध प्रदर्शन शुरू किया। सुप्रीम कोर्ट में दायर एक याचिका के आधार पर, दिल्ली पुलिस ने सिंह के खिलाफ कई प्राथमिकी दर्ज कीं। इनमें से एक प्राथमिकी पॉक्सो अधिनियम के तहत दर्ज की गई है, इसमें नाबालिगों के खिलाफ यौन अपराध शामिल हैं।
विनेश फोगाट, साक्षी मलिक और बजरंग पुनिया जैसे एशियाई, राष्ट्रमंडल और ओलंपिक पदक विजेताओं सहित कई पहलवानों ने शुरू में इस साल जनवरी में बृजभूषण सिंह के खिलाफ गंभीर आरोप लगाए थे। खेल मंत्रालय ने आरोपों की जांच के लिए एक समिति का गठन किया था।
अब इस मामले की निगरानी सुप्रीम कोर्ट भी कर रहा है। कुछ खामोशी के बाद अप्रैल से विरोध तेज हो गया है। प्रदर्शनकारी पहलवान बृजभूषण सिंह की तत्काल गिरफ्तारी की मांग कर रहे हैं, जबकि उनका दावा है कि उन्हें झूठे आरोपों में फंसाया जा रहा है।
दिल्ली में जंतर मंतर पर अप्रैल में अपना विरोध फिर से शुरू करने के बाद से बड़ी संख्या में विपक्षी दलों और नागरिक समाज समूहों ने पहलवानों का समर्थन किया है। उन्हें 28 मई को नए संसद भवन की ओर मार्च करते समय गिरफ्तार किया गया था। उसके बाद उनको जंतर-मंतर से हटा दिया गया।
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