खरगोन: मध्य प्रदेश के खरगोन में रहने वाले पति-पत्नी को दो अलग-अलग धाराओं में कोर्ट ने पांच साल के लिए जेल भेज दिया है. बताया जा रहा है कि आरोपी शख्स ने ग्राम पंचायत का फर्जी प्रमाण पत्र तैयार कर सरकारी जमीन अपनी पत्नी को 8 लाख 37 हजार में बेची.
यह मामला तब खुला जब तत्कालीन महिला सरपंच ने एसपी को शिकायत कर इसका खुलासा किया. यह ऐसा पहला मामला है जब किसी पति ने अपनी ही पत्नी को जमीन बेची है.
जिला अभियोजन अधिकारी जेएस मुवेल का कहना है कि गोगांवा ग्राम पंचायत की फरियादीया महिला सरपंच रेशमा बाई ने एसपी कार्यालय में शिकायत दर्ज कराई थी कि सरकारी जमीन गांव के मोहन सिंह और उसकी पत्नी के द्वारा पंचायत का फर्जी प्रमाण पत्र तैयार कर सरकारी जमीन को बेच दिया है.
पुलिस अधीक्षक जिला खरगोन को इस आशय का आवेदन दिया कि शाहपुरा गोगांवा निवासी अभियुक्त मोहन सिंह पिता नाहरसिंह तंवर के द्वारा खसरा नंबर 77 की 200 वर्ग फीट जमीन खरगोन सनावद रोड पर स्थित को पूर्व सरपंच से सांठ-गांठ कर पंचायत की जमीन का फर्जी प्रमाण-पत्र बनवाकर उक्त जमीन पत्नी उषाबाई के नाम पर 8,37,000 रूपये में 17.10.2013 को बेच दी थी. शिकायत मिलने के बाद इसकी जांच की गई तो सारा मामला खुलकर सामने आया.
आरोपी मोहन सिंह ने सरकारी जमीन को निजी बताकर अपनी पत्नी को बेच दी थी. इस मामले में माननीय न्यायालय ने धारा 420,468 भादवि में 03-03 वर्ष का सश्रम कारावास और 3000-3000 रुपये अर्थदण्ड एवं धारा 467 भादवि में 05-05 वर्ष का सश्रम कारावास और 2000-2000 रुपये के अर्थदण्ड से दण्डित किया गया है. इन्होंने योजनाबद्ध तरीके से सरपंच जमुना बाई के फर्जी हस्ताक्षर करके जमीन अपने नाम कर ली थी.