Shimla में सौ दिन का टीबी मुक्त अभियान शुरू

Update: 2024-12-10 11:42 GMT
Shimla. शिमला। स्वास्थ्य विभाग ने शिमला जिला में सौ दिन टीबी मुक्त अभियान शुरू कर दिया है। इस अभियान के दौरान विभाग की टीमें घर-घर जाकर लोगों की जांच करेंगी। जो मरीज संदिग्ध मिलेंगे, उनका एक्सरे किया जाएगा और टीबी की पहचान होते ही उपचार शुरू कर दिया जाएगा। शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर ने सोमवार को शिमला में टीबी मुक्त अभियान का शुभारंभ किया। उन्होंने इस मौके पर अभियान का पोस्टर भी जारी किया। रोहित ठाकुर ने कहा कि टीबी जैसे बीमारी से डरने की जरूरत नहीं है, बल्कि सतर्क और बेहतरीन समझ की जरूरत है। इस बीमारी का इलाज संभव है। स्वास्थ्य विभाग के प्रयासों से टीबी को हरा कर लोग नई जिंदगी जी रहे है। उन्होंने कहा कि धीरे-धीरे टीबी के मरीजों की संख्या में काफी कमी आने लगी है, लेकिन अभी तक पूरी तरह से बीमारी जड़ से समाप्त नहीं हुई है। उन्होंने कहा कि 100 दिवसीय निक्षय शिविर अभियान समाज को
नई दिशा देगा।


उन्होंने कहा कि जन प्रतिनिधि निक्षय मित्र के तौर पर समाज में कार्य करेंगें तो काफी तीव्रता से सकारात्मक परिणाम आने लगेंगे। उन्होंने कहा कि पोर्टेबल एक्सरे मशीन जिला के लिए मुहैया करवाने का मामला मुख्यमंत्री और स्वास्थ्य मंत्री के समक्ष उठाया जाएगा। उन्होंने टीबी मुक्त पंचायतों को बेहतरीन कार्य करने पर बधाई दी और कहा कि जिला की अन्य पंचायतें भी इसी तरह टीबी मुक्त बने। एडीएम प्रोटोकॉल ज्योति राणा ने कहा कि टीबी के प्रति लोग सजग रहे। टीबी के लक्षण आने पर अस्पताल में पहुंच कर इलाज करवाएं। टीबी से ग्रसित मरीजों से दूर नहीं, बल्कि उनकी देखभाल करते हुए उनका हौसला बढ़ाना चाहिए। मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. राकेश प्रताप ने कहा कि इस अभियान के तहत उन क्षेत्रों को चयन किया जाएगा, जहां पर टीबी संक्रमण के अधिक मामले आते हैं। इसके बाद संवेदनशील क्षेत्रों में लोगों को एक्स-रे किया जाएगा। मरीजों की पहचान करने के बाद उनका उपचार किया जाएगा। इस अभियान में निक्षय वाहन भी जिला भर में चलाया जाएगा। इस वाहन के माध्यम से लोगों को चैकअप और टीबी के बारे में प्रचार प्रसार किया जाएगा।
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