HRTC: आज पूरा होगा एचआरटीसी का 50 साल का सफर

Update: 2024-10-02 12:14 GMT
Shimla. शिमला। हिमाचल पथ परिवहन निगम का बुधवार को स्थापना दिवस है। वर्ष 1974 से अपने सफर की शुरुआत करने वाले एचआरटीसी को 50 साल पूरे होने जा रहे हैं। इसका जश्र 12 अक्तूबर को मनाया जाएगा। मंगलवार को उपमुख्यमंत्री मुकेश अग्रिहोत्री एचआरटीसी के मुख्यालय पहुंचे, जहां उन्होंने वॉल ऑफ ऑनर का अनावरण किया, जिसमें एचआरटीसी के 50 साल के सफर को आसानी से समझा जा सकता है। उपमुख्यमंत्री मुकेश अग्रिहोत्री ने कहा कि एचआरटीसी सामाजिक सरोकार निभा रहा है, जिसने प्रदेश के लोगों को कठिन परिस्थितियों के बावजूद घरों तक पहुंचाया। उन्होंने कहा कि एचआरटीसी घाटे में चल रहा है, जिसे उस नजरिए से नहीं देखना चाहिए, बल्कि यह सोचना चाहिए कि वह किस तरह से सामाजिक दायित्वों का निर्वहन कर रहा है। मुकेश ने कहा कि रोजाना 50 लाख रुपए का रियायती सफर इसके माध्यम से करवाया जा रहा है, जिसमें 27 श्रेणियों को यह लाभ मिल रहा है। सरकार से उसे फिलहाल 60 से 65 करोड़ रुपए हर महीने चाहिए, जिसकी डिमांड सरकार से की जाती है। यहां पर कर्मचारियों को ओपीएस भी दिया गया है। इसके साथ 94 फीसदी घाटे के रूटों पर भी बसें चलाई जा रही है, ताकि लोगों को
सुविधा मिल सके।


उन्होंने कहा कि एचआरटीसी के घाटे के तीन मुख्य कारण हैं। इनमें यात्रियों को रियायती सफर, घाटे पर चल रहे रूट और कर्मचारियों को सैलरी व पेंशन सरकार की तर्ज पर देना है। उन्होंने कहा कि इस वजह से सरकार से हर महीने पैसा मांगना पड़ता है और सरकार भी सामाजिक दायित्वों की पूर्ति के नजरिए से उसे पैसा दे रही है। कुछ लोग आलोचना करते हैं, मगर यह सही नहीं है। आज कर्मचारियों को समय पर पेंशन दी जा रही है, वहीं पेंशनरों को भी पेंशन दी जा रही है, जिसका इंतजार एचआरटीसी समय पर कर रहा है। मुकेश अग्रिहोत्री ने कहा कि निगम का फ्लीट पहले जब 1800 से 2000 बसों का था, मगर जब से इसकी संख्या बढ़ी है, तो दिक्कतें भी बढ़ी हैं। उन्होंने कहा कि इलेक्ट्रिक बसों की खरीद जल्द करने के लिए टेंडर कर दिए गए हैं,। इसके अलावा वोल्वो का पूरा फ्लीट 24 बसों का बदला जा रहा है, जिसका ऑर्डर दे दिया गया है, वहीं नए टैम्पो ट्रैवलर भी खरीदे जाएंगे, जिन्हें जनजातीय क्षेत्रों में भी चलाया जाएगा। उपमुख्यमंत्री ने कहा कि हिमाचल प्रदेश अकेला राज्य है, जो यात्रियों से न्यूनतम पांच रुपए किराया ले रहा है। दूसरे राज्यों में न्यूनतम किराया भी बढ़ाया गया है। यह भी एक वजह है कि यहां निगम की आमदनी कम है। उन्होंने बताया कि दिल्ली में चालकों व परिचालकों को रहने के लिए अच्छी व्यवस्था की जा रही है। एचआरटीसी सभी जिलों में अपने पुराने मॉडल दिखाएगा और बताएगा कि किस तरह से उसका सफर आगे बढ़ा है।
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