HPU Vice Chancellor ने कालेज प्राचार्य के साथ बैठक में दिए निर्देश

Update: 2024-09-11 11:18 GMT
Shimla. शिमला। हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय के तहत आने वाले कालेजों में छात्रों के परीक्षा परिणाम समय पर जारी हो सकें, इसके लिए खास निर्देश दिए गए हैं। मंगलवार को एचपीयू के कुलपति प्रोफेसर सब प्रकाश बंसल ने विभिन्न कालेजों से आए प्राचार्य के साथ बैठक की और इसमें राष्ट्रीय शिक्षा नीति से लेकर नेक एक्रीडिटेशन की चर्चा की गई। इस दौरान यह निर्णय लिया गया कि महाविद्यालय को जोन में बांटकर एक महाविद्यालय को क्लस्टर बनाया जा सकता है। इसका फायदा यह होगा कि पेपर के आबंटन में टाइम बचेगा और परीक्षा परिणाम समय पर आ सकेगा। कुलपति ने महाविद्यालयों के प्राचार्यों के साथ बैठक की। कुलपति ने कहा कि वह जल्द ही राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 को सभी महाविद्यालयों में लागू करने जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति महाविद्यालयों को ध्यान में रखते हुए क्रमश: लागू किया जाएगा, ताकि इसे लागू करने के लिए आसानी हो। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत सभी महाविद्यालयों के लिए
नेक होना जरूरी होगा।


अत: सभी महाविद्यालयों को नेक में आवेदन करना होगा। उन्होंने कहा कि नेक से संबंधित जानकारी के लिए वह कुछ ही समय में हिमाचल प्रदेश में नैक की एक कार्यशाला आयोजित करने जा रहे हैं, जिसमें नैक के पदाधिकारी भाग लेंगे। कुलपति आचार्य सत प्रकाश बंसल ने मल्टीपल एंट्री और मल्टीपल एग्जि़ट तथा एकेडमिक बेस्ड क्रेडिट को लागू करने के लिए सभी प्राचार्यों को आदेश दिए। इसके साथ ही सभी महाविद्यालयों को नेक के अंतर्गत छात्रों को पंजीकृत करवाने के आदेश दिए। उन्होंने कहा कि आने वाले समय में नेक द्वारा ही महाविद्यालयों का मूल्यांकन किया जाएगा और उसी तर्ज पर ही सभी महाविद्यालयों को सहायता अनुदान प्रदान किया जाएगा। कुलपति द्वारा दिए गए इस सुझाव को सभी प्राचार्यों ने स्वीकार किया और कहा कि इस प्रणाली से छात्रों को कम समय में उनका परिणाम मिल सकेगा। इसके साथ ही महाविद्यालयों को और ज्यादा सुदृढ़ कैसे किया जाए, इस पर कुलपति ने सभी प्राचार्यों को अपने सुझाव दिए। इस अवसर पर प्रति-कुलपति आचार्य राजिंद्र वर्मा, अधिष्ठाता छात्र कल्याण आचार्य ममता मोक्टा, कुलसचिव डा. वीरेंद्र शर्मा, परीक्षा नियंत्रक आचार्य श्याम लाल कौशल, अधिष्ठाता महाविद्यालय विकास परिषद आचार्य एसएस नारटा सहित विभिन्न महाविद्यालयों से आए प्राचार्य वर्ग रहे।
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