Shimla. शिमला। प्रदेश के ऊंचाई वाले क्षेत्रों में मौसम ने करवट बदल ली है। रोहतांग के साथ कुल्लू व लाहुल की ऊंची चोटियों पर रुक-रुक कर बर्फबारी का दौर जारी है। मौसम विभाग ने इसे लेकर अपना सटीक पूर्वानुमान दिया था, उसके मुताबिक प्रदेश में पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय हो गया है और उसकी सक्रियता से मौसम में यह बदलाव आया है। शुक्रवार रात से लेकर शनिवार दोपहर तक रोहतांग दर्रा सहित कुल्लू व लाहुल की ऊंची चोटियों में ताजा बर्फबारी हुई है। रोहतांग, शिंकुला दर्रा, बारालाचा, कुंजुम दर्रा सहित घेपन पीक में पांच से आठ सेंटीमीटर तक बर्फबारी हुई है। इसका असर लाहुल के साथ कुल्लू जिले में भी पड़ा है और तापमान तीन से चार डिग्री तक लुढक़ गया है। वहीं जनजातीय जिले लाहुल-स्पीति में दिनभर शीतलहर का दौर जारी रहा और कड़ाके की ठंड में लोग घरों में ही दुबके रहे। शिमला में दिन भर हल्के बादल छाए रहे। किसान-बागबान व पर्यटन कारोबारी लंबे समय से बारिश-बर्फबारी का इंतजार कर रहे हैं।
कुल्लू सहित अन्य जिलों में तीन माह से सूखा पड़ा है। उम्मीद है कि दिसंबर महीने में सूखे का दौर खत्म हो जाएगा और हिमाचल के लोगों को राहत मिल पाएगी। नवंबर महीने में राज्य भर में वर्षा का वितरण चिंताजनक रूप से कम रहा है। हमीरपुर, बिलासपुर, सोलन, सिरमौर, कुल्लू, कांगड़ा, मंडी, शिमला, ऊना और चंबा जैसे जिलों में बिलकुल भी वर्षा नहीं हुई है। लाहुल-स्पीति में एकमात्र औसत दर्जे की बारिश 0.9 मिलीमीटर दर्ज की गई। हालांकि यह अभी भी नवंबर के औसत 23.6 मिमी से 96 फीसदी कम थी। नवंबर महीना अत्यधिक शुष्क रहा है। 24 नवंबर को अलग-अलग स्थानों पर कमजोर वर्षा आंकी गई, लेकिन वहां पर भी कोई ज्यादा बारिश नहीं हुई। लंबे समय तक चले इस शुष्क दौर ने जल संसाधनों, कृषि और शीतकालीन पर्यटन पर चिंताएं बढ़ा दी हैं, जो समय पर वर्षा पर बहुत अधिक निर्भर करते हैं। 2010 से 2024 तक वर्षा के आंकड़ों की समीक्षा से नवंबर में वर्षा में कमी की चिंताजनक प्रवृत्ति पर प्रकाश डाला गया है। प्रदेश में पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय हो गया है और ऊंचाई वाले क्षेत्रों में बर्फबारी व बारिश का दौर शुरू हो गया है।