Hamirpur. हमीरपुर। हमीरपुर जिला में ड्राई स्पैल खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है। जबकि नवंबर माह भी खत्म होने को है। जिला के करीब 20 फीसदी किसान अभी तक बिना बारिश के खेतों में गेहूं की बिजाई नहीं कर पाए हैं और बारिश के इंतजार में बैठें हैं। हालांकि बारिश का दूर-दूर तक कोई नामोनिशान नहीं है। ऐसे में किसानों की चिताएं दिन-प्रतिदिन बढ़ती जा रही हैं। कृषि विभाग अब ब्लॉकों से बिना बारिश के खाली पड़ी कृषि योग्य भूमि का डाटा मंगवा रहा है, ताकि अगर बारिश दिसंबर या फिर जनवरी माह में होती है, तो ऐसी स्थिति में किसानों को दलहन फसलों के बीज इत्यादि मुहैया करवाए जा सकें। इनमें सरसों, अलसी, मसर इत्यादि की बिजाई करना ही किसानों के लिए बेहतर होगा। क्योंकि दिसंबर माह के पहले ह ते में अगर हमीरपुर जिला में अच्छी बारिश होती है, तो किसान लेट बैरायटी का गेहूं बीज 15 दिसंबर तक खेतों में डाल सकते हैं, जोकि दूसरी फसल के साथ समय पर तैयार हो जाएगा।
ऐसे में किसानों को लेट बैरायटी का बीज भी बाजार से ही खरीदना पड़ेगा। हमीरपुर जिला के ज्यादातर किसान मौसम पर ही निर्भर हैं। ऐसे में जिन किसानों ने हल्की नमी में ही गेहूं की बिजाई कर दी है। उन किसानों को गेहूं बीज खराब होने का खतरा भी सताने लगा है। अगर मौसम की बेरुखी ऐसे ही जारी रही, तो किसानों का बीज खेतों में पड़ा-पड़ा ही खराब हो जाएगा। रही-सही कसर को जंगली जानवर पूरा करने में लगे हुए हैं। क्योंकि जो बीज निकल गया है, वह तो अभी तक सुरक्षित है, लेकिन जो बीज खेतों में उग नहीं पाया है वह जरूर खतरे में है। यही वजह है कि हमीरपुर जिला के किसानों की मुश्किलें कम होने की बजाए दिन-प्रतिदिन बढ़ती जा रही हैं। यही वजह है कि कृषि विभाग खाली पड़ी कृषि योग्य भूमि का डाटा एकत्रित कर रहा है, ताकि भविष्य में किसानों को दलहन फसलों की बिजाई के प्रति समय पर जागरूक किया जा सके और किसानों को भी मौसम की बेरुखी से ज्यादा नुकसान न झेलना पड़े।