HP: मंडी में मस्जिद का अवैध ढांचा गिराने के आदेशों पर रोक

Update: 2024-10-15 09:42 GMT
Mandi. मंडी। नगर निगम मंडी के तहत जेल रोड स्थित मस्जिद के अवैध ढांचे को गिराने व पुरानी स्थिति बहाल करने के आदेशों पर प्रधान सचिव टीसीपी ने अगली सुनवाई तक रोक लगा दी है। इन आदेशों के बाद अब इस मामले में मुस्लिम पक्ष को फिलहाल कुछ राहत मिल गई है। इस मामले की अगली सुनवाई अब प्रधान सचिव टीसीपी के कोर्ट में होगी। प्रधान सचिव ने नगर निगम को आफिस रिकार्ड के साथ अपना पक्ष रखने के लिए कहा है। मामले की अगली सुनवाई 20 अक्तूबर के बाद होगी, जिसमें आयुक्त कोर्ट के निर्णय को लेकर अंतिम फैसला लिया जाएगा। इस फैसले के आने के बाद शिकायतकर्ता पक्ष और अन्य हिंदू संगठन अब प्रदेश उच्च न्यायालय जाने की तेयारी में हैं। इस बाबत मंगलवार को हिंदू संगठनों की मंडी में एक अहम बैठक होगी, जिसमें अगामी निर्णय लिए पर चर्चा की जाएगी। बता दें कि नगर निगम आयुक्त कोर्ट मंडी ने 13 सितंबर को मस्जिद के ढांचे को अवैध व नियमों के विपरित बताते हुए गिराने व पुरानी स्थिति बहाल करने के आदेश दिए थे, जिसके बाद मस्जिद का बिजली व पानी का कनेक्शन भी
काट दिया है।


आयुक्त कोर्ट ने इसके लिए मस्जिद संचालन समिति को एक महीने का समय दिया था, जबकि फैसले की कॉपी 17 सितंबर को मस्जिद संचालन समिति को दी गई थी, जिसके बाद मस्जिद संचालन समिति द्वारा कभी प्रदेश उच्च न्यायालय तो कभी प्रधान सचिव के पास अपील दायर करने की बात की जाती रही और फिर प्रधान सचिव टीसीपी के पास आयुक्त कोर्ट के निर्णय को चुनौती दी गई। इस पर सुनवाई करते हुए दस अक्तूबर को प्रधान सचिव टीसीपी ने आयुक्त कोर्ट मंडी के निर्णय पर सुनवाई तक रोक लगाने के आदेश दिए हैं और अगले दस दिनों में सुनवाई करने के लिए कहा है। जिसमें अहले ईस्लाम मुस्लिम वेलफेयर समिति के साथ नगर निगम को अपना पक्ष रखना पड़ेगा। आयुक्त मंडी नगर निगम एचएस राणा ने फैसले पर रोक लगाने के आदेश मिलने की पुष्टि की है। मस्जिद संचालन समिति द्वारा अवैध निर्माण करने की शिकायत करने वाले पक्ष को नगर निगम आयुक्त कार्यालय द्वारा एक महीना बीतने के बाद भी फैसले की कॉपी नहीं दी गई है। प्रधान सचिव टीसीपी के पास सुनवाई में मुस्लिम पक्ष ने अवैध निर्माण की बात को नकारा है। मुस्लिम पक्ष के अनुसार 2013 में बारिश के कारण मुख्य हिस्सा गिरा था, जिसे अगस्त 2023 को फिर से बनाया है। मुस्लिम पक्ष के अनुसार आयुक्त कोर्ट में उनका पक्ष सही नहीं सुना गया।
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