Shimla. शिमला। सेब के कारोबार की आड़ में चिट्टे की तस्करी करने वाले शाही महात्मा गैंग में 16 तस्करों को शिमला पुलिस ने गिरफ्तार किया है। चिट्टा माफिया पर शिमला पुलिस की ताबड़तोड़ कार्रवाई जारी है। चिट्टा तस्करी के मामले में शिमला पुलिस ने कार्रवाई करते हुए चिट्टा तस्करी के मुख्य सरगना शाही महात्मा को बीते दिनों गिरफ्तार किया था और अंतरराज्यीय ड्रग रैकेट का भंडाफोड़ किया गया था। पुलिस की जांच में खुलासा हुआ है कि शाही महात्मा सेब के कारोबार की आड़ में पिछले तीन से चार साल से रोहड़ू-चिरगांव क्षेत्र में चिट्टे की तस्करी कर रहा था। शिमला पुलिस ने जम्मू कश्मीर के आरोपी से 468 ग्राम चिट्टा बरामद किया था। डीएसपी ठियोग सिद्धार्थ शर्मा और एसएचओ कोटखाई और ठियोग के नेतृत्व में एक टीम ने विशेष सेल के साथ शाही महात्मा के नेतृत्व में ड्रग रैकेट पर गहन कार्य किया है।
डीएसपी ठियोग सिद्धार्थ शर्मा के नेतृत्व में गहन वित्तीय जांच और तकनीकी इनपुट के आधार पर, संगठित ड्रग सिंडिकेट नेक्सस के सदस्यों की पहचान की गई। शाही महात्मा गैंग के मामले में शिमला पुलिस 16 तस्करों को गिरफ्तार किया है। आरोपी तस्करों की पहचान यशवंत सिंह निवासी गांव शारोग पोस्ट ऑफिस अधाल तहसील रोहड़ू जिला शिमला, प्रदीप चौहान निवासी गांव समाला जिला शिमला, ललित ठाकुर निवासी रोहड़ू जिला शिमला, अमन नेगी निवासी ग्राम बाथवा तहसील चिडग़ांव जिला शिमला, बृज मोहन निवासी गांव सीमा तहसील रोहड़ू जिला शिमला, रवेश निवासी गांव शारोली तहसील चिडग़ांव जिला शिमला, विजेंद्र रावत निवासी गांव बथवा तहसील चिडग़ांव जिला शिमला, मोहित ठाकुर निवासी गांव बमवारी तहसील चिडग़ांव जिला शिमला, प्रशांत राठोर निवासी गांव नोई थाना रोहड़ू जिला शिमला, साहिल ठाकुर निवासी ग्राम खनोला जिला शिमला, हितेश ठाकुर निवासी गांव अढाल तहसील रोहड़ू, हर्ष धांता निवासी गांव मगावता तहसील जुब्बल जिला शिमला, सार्थक सूद निवासी गांव समाला जिला शिमला, कुणाल शदरू निवासी गांव दशालनी तहसील शिमला, जतिन ठाकुर निवासी गांव चेबरी तहसील रोहड़ू जिला शिमला, श्रेयस मेहता निवासी गांव पटसारी तहसील जिला शिमला के रूप में हुई है।
पुलिस की जांच में खुलासा हुआ है कि सेब कारोबारी पिछले तीन से चार सालों से ड्रग्स का एक पूरा रैकेट चला रहा था। आरोपी पूरा रैकेट वॉट्सऐप के जरिए चलाता था, लेकिन डिलीवरी करने वाले शख्स और नशा खरीदने वाला व्यक्ति कभी एक-दूसरे से नहीं मिलते थे। पुलिस के मुताबिक ड्रग्स की मांग वॉट्सऐप पर होती थी। ये लोग पहले सुनिश्चित करते थे कि ड्रग्स के वितरण से पहले यह चार हाथों से गुजरे। उन्होंने मांग लाने, ड्रग्स की आपूर्ति करने और भुगतान प्राप्त करने के लिए अलग-अलग अप्रत्याशित लोगों को नियुक्त करते थे। डिलीवरी करने वाला व्यक्ति ड्रग को एक अलग स्थान पर रखता और खरीदार को वहां से उठाने के लिए एक वीडियो सांझा करता था। पैसे भी अलग-अलग खातों से होते हुए नेगी के खाते में पहुंचते थे। शिमला पुलिस ने सोशल इंटीग्रेटेड इंटेलिजेंस नेटवर्क सिस्टम तैयार किया है। चिट्टा तस्करी के उपरोक्त मामले में सरगना शाही महात्मा को पुलिस ने चंडीगढ़ से गिरफ्तार किया था और अंतरराज्यीय ड्रग का भंडाफोड़ किया है। पुलिस की जांच में आरोपी से सात से आठ करोड़ रुपये की ड्रग मनी की खुलासा हुआ है। उधर, एसपी शिमला संजीव गांधी का कहना है कि शिमला पुलिस ने चिट्टा तस्करी के मामलों में तीन गैंगों के 62 तस्करों को गिरफ्तार किया है। एसपी ने कहा कि शाही महात्मा गैंग 16 तस्करों को पुलिस टीम ने गिरफ्तार किया है। उन्होंने कहा कि पुलिस की जांच में खुलासा हुआ है कि शाही महात्मा पिछले तीन से चार सालों से सक्रिय था। इसके अलावा आरोपी के बैंक खातों से सात से आठ करोड़ की मनी ट्रेल का भी खुलासा हुआ है। एसपी शिमला संजीव गांधी ने कहा कि पुलिस ने गहन जांच का मॉड्यूल तैयार किया है, जिसमें ड्रग्स पेडलर्स से जुड़े या सप्लाई चेन में शामिल सभी लोगों के बारे में बारीक से बारीक जानकारी जुटाई जाती है। एसपी संजीव गांधी ने बताया कि शिमला जिला में ड्रग पेडलिंग गतिविधियों के कारण और प्रभाव का अच्छी तरह से अध्ययन किया गया है। एसपी ने कहा कि जिला की सभी पुलिस ने ड्रग पेडलर्स के खिलाफ कार्रवाई को अपनी सर्वोच्च प्राथमिकता माना है। रैकेट