HP: प्रदेश में इस साल 1265 करोड़ निगल गई बरसात

Update: 2024-09-02 09:57 GMT
Shimla. शिमला। हिमाचल प्रदेश को मानसून ने लगातार दूसरे साल बड़ा झटका दिया है। सदन में मानसून से नुकसान पर बड़ी बहस जारी है और बाहर आंकड़े रोजाना बदल रहे हैं। बीते साल आई भयंकर आपदा में राज्य सरकार ने 12 हजार करोड़ रुपए की भरपाई का प्रस्ताव केंद्र सरकार को भेजा था, जबकि इस साल भले ही बरसात कम हुई हो लेकिन नुकसान का आंकड़ा इस बार भी 1265 करोड़ को पार कर गया है। राज्य आपदा प्रबंधन विभाग के पास प्रदेश भर से नुकसान की रिपोर्ट पहुंची है। इस रिपोर्ट में सबसे बड़ी रकम पीडब्ल्यूडी की है। विभाग को 588 करोड़ रुपए का झटका लग चुका है। अब तक के आंकड़ों पर नजर डालें तो शिमला, मंडी और कुल्लू जिला में बारिश से सबसे ज्यादा प्रभावित हुए हैं। इनमें 31 जुलाई को समेज हादसे के दौरान बागीपुल समेत तीन पुल बह गए थे, जिन्हें विभाग ने बैली ब्रिज में बदल दिया। पीडब्ल्यूडी के अलावा जलशक्ति विभाग को 499 करोड़ रुपए का नुकसान झेलना पड़ा है। मानसून सीजन के दौरान जलशक्ति विभाग की 100 से ज्यादा पेयजल और सिंचाई योजनाएं
बारिश की भेंट चढ़ गई थी।


बागबानी को 139 करोड़ और कृषि क्षेत्र में एक करोड़ और बिजली बोर्ड को 98.91 लाख रुपए का नुकसान झेलना पड़ा है। इसके अलावा 176 मकान पूरी तरह से ध्वस्त हो गए हैं। इनमें से 78 पक्के मकान और 98 कच्चे हैं। राज्य सरकार ने पिछले साल आई आपदा के समय मकान ध्वस्त होने पर सात लाख रुपए तक मुआवजा देने की बात कही थी। आपदा प्रबंधन के तहत प्रदेश भर से जुटाए गए आंकड़े को राज्य सरकार केंद्र को भेजेगी। केंद्र सरकार मानसून सीजन खत्म होने के बाद केंद्रीय जांच समिति को हिमाचल के दौरे पर भेजकर नुकसान का सही आकलन दोबारा से करेगी और इसके बाद केंद्र से फंड जारी होगा। सदन में मानसून में हो रहे नुकसान पर बहस जारी है और इस बहस में राज्य सरकार सोमवार को अपना पक्ष रखेगी। प्रदेश में मानसून सीजन में 483 मकान क्षतिग्रस्त भी हुए हैं। इनमें से 132 पक्के और 351 कच्चे मकान हैं। प्रदेश में अब तक जो आंकड़े सामने आए हैं उनमें 58 दुकानें और 466 गोशालाएं ध्वस्त या क्षतिग्रस्त हुई हैं, जबकि सडक़ हादसों समेत 271 लोगों की मौत अलग-अलग वजह से हुई है। जबकि 423 घायल हुए हैं। इनकी वजह से सरकार को 21 करोड़ 73 लाख रुपए का नुकसान झेलना पड़ा है।.
Tags:    

Similar News

-->