HP: सिल्ट से कड़छम वांगतू में घटा उत्पादन

Update: 2024-08-05 12:02 GMT
Shimla. शिमला। प्रदेश की नदियों में सिल्ट बढऩे से बिजली परियोजनाओं की दिक्कतें बढऩी शुरू हो गई हैं। सतलुज नदी में सिल्ट बढऩे से प्रोजेक्ट्स में उत्पादन में कमी होने लगी है। रविवार को कड़छम वांगतू परियोजना में 10 फीसदी के करीब उत्पादन में कमी आई है। बताया जा रहा है कि यहां पर नदी में सिल्ट की मात्रा में बढ़ोतरी हुई है, जिस कारण उत्पादन घटा है। यहां 200 मेगावाट उत्पादन कम हुआ है। कड़छम वांगतू 1200 मेगावाट का उत्पादन करता है, जिसमें रविवार को 1000 मेगावाट का उत्पादन हुआ। दूसरी तरफ बिजली बोर्ड के दो प्रोजेक्टों को छोडक़र शेष में पूरा उत्पादन हो रहा है। दो प्रोजेक्ट घानवी और लारजी बंद पड़े हैं। घानवी के पास बादल फटने से नुकसान हुआ है, लिहाजा इसके दोनों चरणों में काम नहीं हो रहा है, तो वहीं लारजी में भी पानी भर जाने से एक यूनिट जो चल रहा था, वह भी बंद हो गया। वैसे 80 लाख यूनिट का उत्पादन
बिजली बोर्ड के प्रोजेक्टों में हो रहा है।

बिजली बोर्ड के पास सभी सरकारी व निजी परियोजनाओं से करीब 500 लाख यूनिट बिजली आती है, जिसमें मामूली कमी आई है, लेकिन इसका असर बैंकिंग व्यवस्था से पंजाब को दी जा रही बिजली पर नहीं पड़ा है। पंजाब व दिल्ली को बिजली की सप्लाई निरंतर की जा रही है। विशेषज्ञों की मानें तो यदि आने वाले समय में भारी बारिश होती है, तो नदियों में सिल्ट बढ़ेगी और उस कारण यहां पर उत्पादन में कमी आ सकती है। इसका सबसे अधिक असर सतलुज नदी में होता है, जहां पर नाथपा झाखड़ी व रामपुर परियोजनाएं सिल्ट की वजह से बाधित होती हैं। उत्तर भारत को इन दोनों प्रोजेक्टों से बिजली की सप्लाई होती है। फिलहाल नदियों में सिल्ट नहीं बढ़ेगी, तो प्रदेश में बिजली के उत्पादन में कोई दिक्कत नहीं रहेगी। मौसम विभाग ने अगले कुछ दिनों में यलो अलर्ट की चेतावनी दी है और यदि भारी बारिश हुई तो परेशानी बढ़ेगी।
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