Nahan. नाहन। प्रदेश की पहली प्राकृतिक झील श्रीरेणुकाजी के परिक्रमा मार्ग में स्थित वाइल्ड लाइफ जू के प्राणियों को भी वन्य प्राणी प्रेमी अथवा पशु-पक्षी पे्रमी अब गोद ले सकेंगे। हालांकि वन्य प्राणी विंग ने प्रदेश भर के जू में यह कवायद शुरू की है, मगर कुछ ही जू में पशु-पक्षी प्रेमियों का लगाव एडॉप्ट करने के लिए आगे आया है। अधिकतर जू में अभी तक इच्छुक लोग आगे नहीं आए हैं। वन्य प्राणी विभाग हिमाचल प्रदेश ने प्रदेश के अन्य चिडिय़ाघरों के साथ श्रीरेणुकाजी मिनी जू में स्थित सांभर, चीतल, ब्लैक बक, लैपर्ड व भालू इत्यादि प्राणियों को गोद लेने की कवायद शुरू की है। इसमें इच्छुक पशु-पक्षी प्रेमी वन्य प्राणियों को गोद लेकर वार्षिक खर्चा उठाएंगे, जिसमें जहां पशु-पक्षी प्रेमियों को टैक्स छूट में राहत मिलेगी। वहीं जू की फ्री एंट्री, गोद लिए गए वन्य प्राणियों के एन्कोलजर के साथ उनकी नाम को डिस्पले किया जाएगा, जबकि वन्य प्राणी विभाग अपने विभिन्न इवेंट के दौरान भी ऐसे वन्य प्राणियों के कद्रदानों को विशेष तौर पर आमंत्रित कर सम्मानित करेगा।
प्रदेश के मिनी जू श्रीरेणुकाजी में पिछले नौ-दस वर्षों से टाइगर को लाने की चली आ रही कवायद भी अब जल्द पूरी होने वाली है। श्रीरेणुकाजी में टाइगर एन्कलोजर का कार्य पूरा कर लिया है। महाराष्ट्र से टाइगर को श्रीरेणुकाजी लाए जाने के लिए जू अथॉरिटी ने स्वीकृति प्रदान कर दी है। डीएफओ वाइल्ड लाइफ शिमला शाहनवाज भट्ट ने कहा कि श्रीरेणुकाजी जू में टाइगर को लाए जाने की सभी औपचारिकताओं को पूरा कर लिया है। डीएफओ वाइल्ड लाइफ शिमला शाहनवाज भट्ट ने बताया कि प्रदेश के अन्य जू के साथ श्रीरेणुकाजी जू के वन्य प्राणियों को भी पशु-पक्षी प्रेमी अथवा सामाजिक संगठन गोद ले सकेंगे। हिमाचल प्रदेश जू कंजर्वेशन ब्रीडिंग सोसायटी जू का प्रबंधन देखती है। सोसायटी के माध्यम से विभिन्न माध्यमों से फंड को जुटाकर वन्य प्राणियों का पोषण किया जा रहा है। वन्य प्राणियों को गोद लेने की कवायद में विभाग ने सीएसआर के तहत भी कंपनियों, उद्योगपतियों से भी आह्वान किया है कि कुदरत के इन खूबसूरत प्राणियों के भरण-पोषण के लिए आगे आएं।