Nahan. नाहन। सिरमौर जिला के मुुख्यालय नाहन के सौंदर्य में चार चांद लगाने वाले करीब आधा दर्जन पार्क अब अनदेखी का शिकार हैं। हालत यह है कि न तो नगर परिषद इस ओर कोई विशेष ध्यान दे रही है न ही जिला प्रशासन व स्थानीय नेतृत्त्व। हालत यह है कि नाहन शहर में पर्यटकों के आकर्षण व पर्यटन के मानचित्र पर शहर को विकसित करने के उद्देश्य से जो पार्क पूर्व सरकार के कार्यकाल के दौरान शहर की शान बने थे अब वह लगातार अनदेखी के शिकार हो रहे हैं। गौर हो कि करीब तीन से चार वर्ष पूर्व नाहन शहर के विभिन्न हिस्सों में करोड़ों रुपए की राशि खर्च कर पार्क विकसित किए गए थे। ऐसे में करोड़ों रुपए की लागत से नाहन शहर के पार्क अपनी बदहाली पर आंसू बहा रहे हैं। हालत यह है कि पार्क की बदहाली के चलते अब इन पार्कों में सेल्फी लेने वाले लोगों व पर्यटकों की संख्या भी लगातार घट रही है। गौर हो कि नाहन शहर के आधा दर्जन से अधिक स्थानों पर पूर्व सरकार के कार्यकाल के दौरान बेहद ही आकर्षक पार्क विकसित किए गए थे। गौर हो कि नाहन शहर में नगर परिषद द्वारा पूर्व सरकार के कार्यकाल के दौरान गुन्नूघाट नगर परिषद के कार्यालय के समीप रानी झांसी पार्क, मालरोड पर एक आकर्षक महाराणा प्रताप पार्क, पक्का टैंक पर भी पहाड़ी संस्कृति से सराबोर एक आकर्षक पार्क लखदाता पीर की मजार के साथ पर्यटकों के आकर्षण के लिए बनाया गया था।
मालरोड पर बनाए गए महाराणा प्रताप पार्क में सिरमौरी संस्कृति की धरोहर के रूप में सिरमौरी परिवार की प्रतिमाएं भी स्थापित की गई थी जो पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र बनी हुई थी। नाहन शहर के वार्ड नंबर पांच हाउसिंग बोर्ड कालोनी में भी डंपिंग यार्ड पर एक आकर्षक पार्क तैयार किया गया था। गौर हो कि इन पार्क के निर्माण में नाहन विधानसभा क्षेत्र के तत्त्कालीन विधायक डा. राजीव बिंदल ने अहम भूमिका अदा की थी। कुछ समय तक यह पार्क नाहन शहर ही नहीं, अपितु पूरे जिला सिरमौर के लोगों के आकर्षण का केंद्र तो बने ही। साथ ही बाहरी राज्यों से आने वाले पर्यटक भी नाहन शहर में विकसित किए गए पार्क की ओर आकर्षित होने लगे। जैसे ही प्रदेश में सत्ता परिवर्तन हुआ तो नाहन नगर परिषद की कार्यप्रणाली भी इन पार्क की ओर रूक गई है। कई-कई दिन तक नाहन शहर के विभिन्न हिस्सों में करोड़ों रुपए की लागत से तैयार किए गए पार्क में जहां सूखे फूल पत्ते व कचरा बिखरे रहते हैं तो वहीं कई पार्क के प्रवेश गेट भी बंद रहते हैं। ऐसे में शहर के लोगों में गुस्सा है कि आखिरकार करोड़ों रुपए की सरकारी धन से तैयार किए गए नाहन के आधा दर्जन पार्क की कौन सुध लेगा।