HP NEWS: बहुमत से स्पीकर का चुनाव, सरकार अब भी मजबूत

Update: 2024-09-03 10:31 GMT
Shimla. शिमला। सोमवार को मानसून सत्र में सदन की कार्यवाही शुरू होते ही पूर्व विधानसभा अध्यक्ष और भाजपा विधायक विपिन सिंह परमार ने एक मामला उठाना चाहा, लेकिन विधानसभा अध्यक्ष ने इसकी अनुमति नहीं दी। अध्यक्ष ने कहा कि पहले प्रश्नकाल होने दीजिए, उसके बाद आप प्वाइंट आफ ऑर्डर के तहत मामला उठा सकते हैं। इसी बीच स्पीकर में प्रश्नकाल शुरू कर दिया और विरोध में भाजपा विधायक अपने सीटों पर खड़े होकर नारेबाजी करना शुरू हो गए। इसी शोर शराबे में कुछ देर के बाद भाजपा विधायक वॉकआउट कर गए। इनके सदन से बाहर जाने के बाद संसदीय कार्य मंत्री हर्षवर्धन सिंह चौहान ने कहा कि भाजपा के विधायक व्यक्तिगत दुश्मनी निकालने के लिए सदन में आते हैं। इनका ही एजेंडा आज लगा हुआ था। इन्हें जनता की फिक्र नहीं है। विपक्ष ने नियम 67 के तहत कार्य स्थगन प्रस्ताव वित्तीय स्थिति पर दिया था, लेकिन नोटिस देने के बावजूद उस पर
मुंह नहीं खोला।

मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने भी कहा कि विपक्ष यदि प्रश्नकाल के बाद भी अपनी बात करता, तो क्या दिक्कत थी? लेकिन विपक्षी दल में सहमति नहीं है। यह खुद ही कार्य स्थगन प्रस्ताव देते हैं और उसकी फिर अंदर बात ही नहीं करते। सरकार किसी भी मसले पर चर्चा से पीछे नहीं हट रही। मुख्यमंत्री ने यह शिकायत भी की विधानसभा अध्यक्ष विपक्ष के लोगों को ज्यादा महत्व दे रहे हैं। जवाब में स्पीकर कुलदीप सिंह पठानिया ने कहा कि उनकी कोशिश यह रहती है कि हिमाचल के मुद्दे चर्चा में ज्यादा से ज्यादा आएं। यदि विपक्ष यह मसले उठाएगी तो सरकार को जवाब देने का भी अवसर मिलेगा। इसलिए सदन के भीतर जो भी कार्रवाई होगी, वह नियम अनुसार ही होगी। संसदीय कार्य मंत्री हर्षवर्धन सिंह चौहान ने कहा कि नियम 274 के तहत जो नोटिस भाजपा विधायक दल की तो ओर से दिया गया है, वह इसके लिए अधिकृत नहीं हैं। बहुमत कांग्रेस के पास है और सरकार पूरे बहुमत से चल रही है। स्पीकर का चुनाव सर्वसम्मति से जरूर हुआ है, लेकिन चयन बहुमत के आधार पर हुआ है। इसके बाद स्पीकर ने भी व्यवस्था दी की जो भी नोटिस भाजपा विधायक दल की ओर से दिया गया हो, विधानसभा के रिकॉर्ड पर यह कहीं नहीं दर्ज हुआ है।
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