Nahan. नाहन। सिरमौर जिला के मुख्यालय नाहन में रियासतकाल की एक कहावत नाहन शहर है नगीना आए एक दिन को लग जाए महीना अब शहर में झूठी साबित हो रही है। शहर की रियासतकालीन गलियों में बिछे चक्के जहां समाप्त हो चुके हैं तो वहीं शहर की सफाई व्यवस्था भी दिन प्रतिदिन ढर्रे से उतर रही है। भले ही इस मामले में नाहन शहर के लोग भी स्वयं जिम्मेदार हैं, परंतु नगर परिषद नाहन की डोर-टू-डोर गारबेज उठाने की मुहिम भी पुख्ता साबित नहीं हो रही है। ऐसे में शहर के लोग अपने ही शहर को गंदा करने में अहम भूमिका निभा रहे हैं। नगर परिषद जगह-जगह कूड़ा न फेंकने के होर्डिंग्स लगा चुकी है तथा लोगों को प्रतिदिन गांधीवादी तरीके से घर का कूड़ा खुले में न फेंकने को लेकर जागरूक भी कर चुकी है। कुछ दिन पूर्व तक नगर परिषद की जो गाडिय़ां कूड़ा उठाने के लिए गली-गली में घूमती थी अब उनके लाउड स्पीकर तो प्रदेश में सत्ता परिवर्तन के बाद बंद हो चुके हैं, परंतु डोर-टू-डोर कूड़ा उठाने की मुहिम बदस्तूर जारी है। इनमें मुख्य रूप से नाहन शहर के चौगान के समीप, मेडिकल कालेज के सामने स्थित पीपल के पेड़ के चबूतरे के पास जहां सुबह-शाम कूड़े के ढेर नजर आते हैं तो वहीं नाहन फाउंडरी के मजदूर चौक पर कूड़े के ढेर पर गोवंश, बंदर व डॉग्स मुंह मारते नजर आते हैं जो राहगीरों के लिए भी जानलेवा साबित हो सकते हैं।
यही नहीं नाहन शहर के गुन्नूघाट में पुलिस चौकी के साथ, सीएमओ ऑफिस के गेट के समीप, पक्का टैंक में मुख्य बाजार की गली में शौचालय के समीप, अमरपुर मोहल्ला के कुछ हिस्सों के अलावा नया बाजार, रानीताल, कच्चा टैंक व वाल्मीकि नगर शहर के ऐसे क्षेत्र हैं जहां पर सुबह-शाम कूड़े के ढेर नजर आते हैं। भले ही इसके लिए नगर परिषद बिल्कुल भी दोषी नहीं है, परंतु नगर परिषद के जो सफाई कर्मी हैं वह केवल सुबह के समय ही शहर के लोगों द्वारा फेंके गए कूड़े-कचरे को उठाते हैं। ऐसे में जो कूड़ा सफाई कर्मियों के राउंड के बाद शहर के विभिन्न स्थानों पर लोगों द्वारा गुपचुप तरीके से अपने घरों की खिड़कियों व घरों की छतों से फेंका जाता है वह अगले दिन सुबह तक शहर के सौंदर्यकरण को ग्रहण लगाता है। यही नहीं इन कूड़े के ढेर के इर्द-गिर्द बंदर, आवारा कुत्ते व गोवंश की भीड़ रहती है। गौर हो कि नगर परिषद द्वारा नाहन शहर को डस्टबिन मुक्त किया गया है। शहर में विभिन्न स्थानों पर जो डस्टबिन रखे गए थे उन्हें कई माह पूर्व हटा दिया गया है। ऐसे में नाहन शहर जोकि सफाई व सुंदरता के लिए हिमाचल प्रदेश ही नहीं, अपितु पूरे उत्तर भारत में चर्चा का विषय रहता था वह अब पर्यटकों के सामने शहर की अच्छी तस्वीर पेश नहीं कर रहा है। कूड़े के ढेर के अलावा शहर के लोग घरों में मरम्मत के दौरान निकलने वाले पुराने मलबे के बैग भी गुपचुप तरीके से गलियों व सडक़ों पर रात के अंधेरे में रख देते हैं। इस तरह के भवन सामग्री के बैग पक्का टैंक से गुन्नूघाट बाजार को आने वाली गली में शौचालय के समीप, गुन्नूघाट चौक के समीप सामने देखे जा सकते हैं।