HP NEWS: भ्रष्टाचार पर पांच के खिलाफ मामला दर्ज

Update: 2024-08-11 11:15 GMT
Shilai. शिलाई। गत दिनों उपमंडल शिलाई की ग्राम पंचायत नाया पंजोड़ में पंचायत के विकास कार्यों में उजागर हुए भ्रष्टाचार के मामले में पंचायती राज विभाग ने पांच लोगों के विरुद्ध पुलिस में मामला दर्ज किया है, जबकि पंचायत प्रधान को निलंबित कर दिया है। विभाग द्वारा दर्ज किए गए इस मामले को लेकर क्षेत्र के लोग जहां विभाग की सराहना कर रहे हैं। वहीं दूसरी ओर सवालिया निशान भी लगा रहे हैं। विभाग पर अंगुलियां उठाना भी स्वभाविक है। ग्रामीणों का कहना है कि 20 लाख से ज्यादा का गबन का मामला तब प्रकाश में आया, जब एक ग्रामीण ने मामले की शिकायत की। इतनी बड़ी राशि के निकलने के बाद विभाग के अधिकारियों ने इस ओर कोई ध्यान नहीं दिया। कार्रवाई के नाम पर दो ग्राम रोजगार सेवक व दो पंचायत सचिव तथा पंचायत द्वारा अधिकृत बाइंडर के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर दिया। विभाग की यह जांच किसी को हजम नहीं हो रही है। नियमानुसार जब किसी कार्य की पेमेंट रिलीज की जाती है, तो उसका तकनीकी मूल्यांकन किया जाता है। तकनीकी मूल्यांकन करने के बाद उस कार्य का मूल्यांकन पुस्तिका एमबी पर
लेखा-जोखा लिया जाता है।

एमबी करने के बाद तकनीकी अधिकार द्वारा किए गए मूल्यांकन पर टेस्ट चेक लगता है। तकनीकी कर्मियों की रिपोर्ट आने के बाद पंचायत सचिव प्रस्ताव डालकर पेमेंट की निकासी के लिए दस्तावेज तैयार करता है, लेकिन विभाग की जांच में ग्राम रोजगार सेवक व पंचायत सचिव को आरोपी बनाकर मामला दर्ज करवाया गया है, जबकि उस तकनीकी मूल्यांकन स्टाफ को छोड़ दिया है। रोजगार सेवक ग्रामीणों को रोजगार जारी करने के लिए मेंडेज जारी कर यह रिपोर्ट जारी करता हैं कि पंचायत में 100 दिनों के रोजगार के लिए इन लोगों के जॉब कार्ड में मेंडेज है। मौका पर कितनी कार्य सामग्री आई कितना कार्य हुआ मौका पर यह देखना तकनीकी स्टाफ का काम है। ऐसी स्थिति में जिन अधिकारियों ने फर्जी तकनीकी मूल्यांकन कर एमबी कर टेस्ट चेक लगाया, उनका कहीं जिक्र ही नहीं है। ऐसे में विभागीय जांच रिपोर्ट भी संदेह के घेरे में आ गई है। पुलिस जांच रिपोर्ट के अनुसार कार्रवाई कर रही है, लेकिन जब जांच रिपोर्ट ही पंगू हो, तो क्या जांच हो पाएगी। कितनी कार्रवाई होगी, यह तो समय बता पाएगा। उधर, इस संबंध में थाना प्रभारी शिलाई प्रीतम लालटा ने बताया कि विभाग द्वारा दी गई तहरीर के अनुसार पांच लोगों के विरुद्ध भारतीय दंड संहिता की धारा 420, 120 व भ्रष्टाचार अधिनियम के तहत मामला दर्ज कर जांच आरंभ कर दी गई है। मामले को उनके वरिष्ठ अधिकारी देख रहे हैं।
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