Hospice. धर्मशाला। केंद्र व हिमाचल प्रदेश सरकार 1.5 लाख लीटर प्रतिदिन (एलएलपीडी) की प्रारंभिक क्षमता वाला एक स्वचालित दूध प्रसंस्करण संयंत्र धर्मशाला के ढगवार में स्थापित कर रही है। जिसे तीन लाख लीटर प्रतिदिन (एलएलपीडी) तक बढ़ाया जा सकता है। केंद्र व राज्य सरकार द्वारा इसके लिए पहले चरण में लगभग 250 करोड़ रुपए व्यय किए जा रहे हैं। यह अत्याधुनिक सुविधा दूध, टोंड दूध, डबल टोंड दूध, दही, पनीर, लस्सी, खोआ और मोजेरेला चीज सहित मूल्यवर्धित डेयरी उत्पादों की एक विस्तृत शृंखला का उत्पादन करेगी। उपायुक्त कांगड़ा हेमराज बैरवा ने सोमवार को कांगड़ा के ढगवार में बनने वाले स्वचालित दूध प्रसंस्करण संयंत्र के लिए चयनित भूमि का निरीक्षण कर यहां हो रही प्रगति का जायजा लिया। इस दौरान प्रदेश मिल्कफेड के एमडी डा. विकास सूद भी उपस्थित रहे। उपायुक्त ने कहा कि इस संयंत्र का उद्देश्य हिमाचल प्रदेश के पशुपालकों को उनके दूध के लिए एक विश्वसनीय बाजार प्रदान करके सीधे लाभ पहुंचाना है।
इस संयंत्र के लिए दूध की खरीद प्रमुखत: चार जिलों कांगड़ा, ऊना, चंबा और हमीरपुर पर केंद्रित होगी, जिससे स्थानीय डेयरी किसानों के बीच व्यापक भागीदारी और समावेशिता सुनिश्चित होगी। डीसी ने बताया कि उच्च गुणवत्ता वाले डेयरी उत्पादों के उत्पादन के माध्यम से दूध के मूल्य को बढ़ाकर, यह संयंत्र पशुपालकों की आय को महत्त्वपूर्ण रूप से बढ़ाएगा, जिससे ग्रामीण अर्थव्यवस्था मजबूत होगी। इस पहल से आजीविका के नए अवसर पैदा होने, डेयरी फार्मिंग की लाभप्रदता में सुधार होने और क्षेत्र के सामाजिक-आर्थिक विकास में योगदान मिलने की उम्मीद है। उन्होंने कहा कि ढगवार स्थित दुग्ध प्रसंस्करण संयंत्र के स्तरोन्नयन से दूध की खरीद, प्रसंस्करण और विपणन प्रणाली सुदृढ़ होगी। यह हिमाचल प्रदेश के किसानों और पशुपालकों को सशक्त बनाने और उनके सतत विकास सुनिश्चित करने की दिशा में एक बड़ा कदम है। उपायुक्त ने कहा कि पशुपालन व्यवसाय को लाभप्रद बनाने के लिए मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू द्वारा ‘हिम गंगा’ योजना की घोषणा की गई है, जिसका उद्देश्य राज्य में दूध आधारित अर्थव्यवस्था विकसित करना है। इस अवसर पर तहसीलदार धर्मशाला गिरिराज ठाकुर, वरिष्ठ प्रबंधक एचपी मिल्क फेड प्रीति आर्या, प्लांट इंजीनियर अखिलेश पराशर सहित विभिन्न विभागों के अधिकारी कर्मचारी उपस्थित रहे।