Shimla. शिमला। हिमुडा प्लाट आबंटनों के संबंध में डिफाल्ट किस्तों पर 12 प्रतिशत के बजाय चार प्रतिशत प्रति वर्ष की दर से दंडात्मक ब्याज लगाया जाएगा। ओटीएस अवधि के दौरान सभी लंबित बकाया राशि पर प्रति वर्ष लागत का एक प्रतिशत की दर से गैर निर्माण शुल्क लगाया जाएगा। यह योजना उन आबंटियों के लिए लाभप्रद होगी, जो लंबे समय से किसी कारणवश अपनी संपत्ति का समय पर किस्तों या कीमत का भुगतान नहीं कर पाए और मकान नहीं बना पाए तथा कब्जा नहीं ले पाए। हिमुडा के निदेशक मंडल की 54वीं बैठक में एक मुश्त भुगतान को मंजूरी दे दी गई है। हिमुडा के निदेशक मंडल की 54वीं बैठक गत दिनों आवास, टीसीपी एवं तकनीकी शिक्षा मंत्री सहअध्यक्ष, हिमुडा की अध्यक्षता में नौ सितंबर, 2024 को आयोजित की गई थी।
यह योजना दिनांक 25 अक्तूबर 2024 से लागू की गई है और 24 अप्रैल, 2025 तक प्रभावी रहेगी। इस योजना के तहत ओटीएस अवधि के दौरान सभी लंबित बकाए राशि पर प्रति वर्ष लागत का एक प्रतिशत की दर से गैर निर्माण शुल्क लगाया जाएगा। इसके आलावा सभी आबंटनों के संबंध में डिफाल्ट किस्तों पर 12 प्रतिशत के बजाय चार प्रतिशत प्रति वर्ष की दर से दंडात्मक ब्याज लगाया जाएगा। निगरानी और वार्ड शुल्क 0.2 प्रतिशत प्रति माह के बजाय 0.1 प्रतिशत प्रति माह लगाया जाएगा। जो आबंटी इस स्कीम का लाभ लेना चाहता है, वह हिमुडा वेबसाइट पर दिए गए फार्म को भरकर हिमुडा कार्यालय शिमला भेजकर इस स्कीम का लाभ ले सकते हैं।