Kullu. कुल्लू। किसानों को आर्थिक तौर पर समृद्ध बनाने के लिए प्रदेश सरकार बेसहारा पशुओं को आश्रय देने के लिए जो सहायता राशि गोशाला संचालकों को प्रति पशु 700 प्रतिमाह के हिसाब से दी जाती है । उस राशि को किसानों को भी प्रदान करने के लिए सरकार विचार कर रही है। यह बात कुल्लू दौरे के दौरान कृषि एवं पशुपालन मंत्री प्रोफेसर चंद्र कुमार ने कही। कृषि मंत्री ने सब्जी मंडी परिसर में स्टाफ के लिए नए आवासीय परिसर का भी उद्घाटन किया। उन्होंने कहा कि सरकार बेसहारा पशुओं से किसानों की फसलों को होने वाले नुकसान का समाधान ढूंढने के लिए भी प्रयास कर रही है। वर्तमान में पूरे प्रदेश पशुगणना का कार्य चल रहा है। इस कार्य के पूर्ण होने के पश्चात सरकार प्रयास करेगी कि बेसहारा पशुओं से किसानों को होने वाले नुकसान से बचाया जा सके। उन्होंने कहा कि कृषि भारत का सबसे बड़ा व्यवसाय है।
भारत के 70 प्रतिशत लोग अपनी आर्थिक आवश्यकता के लिए कृषि पर निर्भर हैं। वर्तमान सरकार किसानों की आय में बढ़ावा देने के लिए विभिन्न नीतियां लागू कर रही है जिसका उद्देश्य है कि किसानों की आर्थिक स्थिति में सुधार हो सके और उनका आर्थिक पिछड़ापन दूर किया जा सके। उन्होंने कहा इसके लिए सरकार गाय के दूध का मूल्य किसानों को 45 से बढ़ाककर 50 और भैंस के दूध का मूल्य 50 से 55 रुपए मिले इसके लिए प्रयासरत है। उन्होंने कहा कि आधुनिक कृषि में किसानों को कम जोत में अधिक आए सृजित करने वाली फसलों पर जोर देना चाहिए, जिसके लिए जीरा मेथीए सौंफ आदि फसलों से अधिक आय कमाई जा सकती है। उन्होंने कहा कि गैर मौसमी सब्जियां उगाकर भी किसान अच्छा मुनाफा अर्जित कर सकते हैं क्योंकि बरसात के मौसम में सब्जियों की मांग पहाड़ी क्षेत्र के उत्पादन से ही पूरी होती है। उन्होंने विश्वविद्यालय में कृषि क्षेत्र में हो रहे अनुसंधान कार्य को किसानों तक पहुंचाने पर भी बल दिया तथा प्रगतिशील किसानों के अनुभवों के साझा करने की बात भी कहीं।