HP: 5 लाख का हार्डवेयर रोकेगा करोड़ों का फर्जीवाड़ा

Update: 2024-11-12 11:25 GMT
Shimla. शिमला। हिमाचल में पांच लाख रुपए के हार्डवेयर से करोड़ों रुपए के फर्जीवाड़े को रोकने की तैयारी लगभग पूरी हो गई है। आबकारी कराधान विभाग दिसंबर तक खरीद पूरी कर इसे स्थापित कर लेगा। साल के पहले महीने से हिमाचल में सभी तरह के जीएसटी पंजीकरण आधार एथेंटिकेशन बायोमीट्रिक प्रणाली से होंगे। राज्य सरकार ने इस बजट को मंजूरी दी है। यह बजट आधार एथेंटिकेशन तकनीक में इस्तेमाल होने वाले हार्डवेयर पर खर्च होगा। आधार एथेंटिकेशन से जीएसटी पंजीकरण में इस्तेमाल हो रहे फर्जी प्रमाणपत्रों का पता लग पाएगा। आधार एथेंटिकेशन से करोड़ों रुपए के राजस्व की बचत होने की संभावना है। विभाग ने आगामी दो महीने में खरीद पूरी करने की तैयारी कर ली है। जनवरी से इस तकनीक को लांच कर दिया जाएगा। दरअसल, देश भर में केंद्र सरकार के आदेश पर पहले ही आधार एथेंटिकेशन को शुरू
किया जा चुका है।

गौरतलब है कि जीएसटी परिषद की 53वीं बैठक में आधार एथेंटिकेशन को अनिवार्य करने की सिफारिश की गई थी। इसके बाद गुजरात, पुडुचेरी, आंध्रप्रदेश और उत्तराखंड में आधार एथेंटिकेशन बायोमीट्रिक प्रणाली को अब तक शुरू किया जा चुका है। इन राज्यों में जीएसटी पंजीकरण के लिए आवेदन करने वाली फर्मों को कई दौर की जांच से गुजरना पड़ रहा है और इस जांच में फर्जीबाड़े को रोकने की संभावनाएं बढ़ गई हैं। हिमाचल में आबकारी कराधान विभाग ने सितंबर महीने में आधार एथेंटिकेशन बायोमीट्रिक प्रणाली को शुरू करने की तैयारी की थी। अब विभाग आधार एथेंटिकेशन को शुरू करने के बेहद करीब पहुंच चुका है। हिमाचल में करीब 200 फर्जी कंपनियों के पंजीकरण का खुलासा हुआ है। इन कंपनियों के पंजीकरण के लिए जिन लोगों के आधार कार्ड लगाए गए हैं उनमें ज्यादातर आम तबके के हैं। भविष्य में साफ्टवेयर के माध्यम से पंजीकरण प्रक्रिया शुरू होने के बाद ऐसे आवेदनों की पहचान हो पाएगी। हिमाचल में जीएसटी पंजीकरण जांच की सेकेंड ड्राइव पूरी हो चुकी है।
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