HP: सरकार लेगी कांगड़ा और मकलोडगंज बस अड्डा

Update: 2024-12-31 10:40 GMT
Shimla. शिमला। कांगड़ा बस अड्डे व मकलोडगंज बस अड्डे को सरकार अपने अधीन लेगी। बस अड्डा मैनेजमेंट अथॉरिटी को उन्हें अपने अधीन लेने को कहा गया है। इससे पहले एक बार ठेकेदार कंपनी से भी बात की जाएगी। इसके लिए सरकार की ओर से अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं। पिछले दिनों सीएम के साथ हुई बैठक में बस अड्डा मैनेजमेंट अथॉरिटी के अधिकारियों को कहा गया है कि वे बातचीत करें, अन्यथा 25 करोड़ रुपए की आर्बिट्रेशन राशि देकर अड्डों को अपने अधीन लें। इससे पहले मामला कैबिनेट में जा चुका है और कैबिनेट ने 25 करोड़ रुपए की राशि देने का निर्णय ले लिया है। दोनों बस अड्डों का मामला विवादों में चल रहा है और अदालत से इसमें आर्बिटे्रशन का फैसला हुआ है। अब बस अड्डा मैनेजमेंट अथॉरिटी को सरकार पैसा देने के लिए तैयार है, जिसने कहा है कि उनके अधीन ही बस अड्डों का संचालन किया जाएगा। हाल ही में बस अड्डा मैनेजमेंट अथॉरिटी के निदेशक मंडल की बैठक में इस मुद्दे पर चर्चा हुई है, जिसमें निर्णय लिया गया है कि दोनों बस अड्डों को वापस अपने कब्जे में
लिया जाए।


इसके लिए अब सरकार ने आर्बिट्रेशन की 25 करोड़ की राशि देने को कह दिया है। इससे बस अड्डा मैनेजमेंट की परेशानी दूर हो गई है, जिसके पास पैसा नहीं था। बता दें कि इस मामले में आगे अगर कोर्ट में जाना हो, तो भी सरकार को 25 करोड़ रुपए की राशि देनी ही है। ऐसे में तय किया गया है कि दोनों बस अड्डों को अपने अधीन ही ले लिया जाए। इससे ठेकेदार कंपनी के साथ विवाद भी खत्म हो जाएगा। फिलहाल बताया जाता है कि बस अड्डा मैनेजमेंट अथॉरिटी द्वारा बनाई गई कमेटी अगले हफ्ते तक ठेकेदार कंपनी के साथ बातचीत करेगी, जिसके बाद आगे का मामला तय किया जाएगा। सरकार बस अड्डा मैनेजमेंट अथॉरिटी के माध्यम से बस अड्डों के निर्माण पीपीपी मोड पर निजी कंपनी को सौंप रही है, मगर पुराने अनुभव इसमें सुखद नहीं रहे हैं। लगभग सभी अड्डों को लेकर कानूनी मामले चल रहे हैं, जिसमें सरकार का भी करोड़ों रुपया लग गया है। इसी तरह के एचआरटीसी के भी अदालतों में कई मामले चल रहे हैं और इनकी संख्या लगभग 3000 बताई जा रही है। इन मामलों को लेकर भी सूची तैयार कर रिपोर्ट बनाई गई है। उम्मीद है कि इन मसलों में बातचीत के जरिए कोई नतीजा निकल सकता है, तो इसके लिए भी अधिकारियों को कहा गया है।
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