Shimla. शिमला। हिमाचल प्रदेश को केंद्र सरकार से अभी तक वाइब्रेंट विलेज योजना के तहत पैसा नहीं मिला है। हिमाचल से लगभग 700 करोड़ रुपए का प्रोजेक्ट दिल्ली भेजा गया है, मगर लंबा समय हो गया, अब तक यह राशि नहीं मिली है। इतना ही नहीं, अब केंद्र सरकार किसी एक योजना में पैसा देने की बजाय अलग-अलग विभागों की योजनाओं में राज्यों को पैसा दे रही है, जिससे हिमाचल को कोई फायदा नहीं मिल रहा है। ऐसे में राज्य सरकार की ओर से जनजातीय विकास मंत्री जगत सिंह नेगी दिल्ली में केंद्रीय जनजातीय विकास मंत्रालय के मंत्री से मुलाकात कर हिमाचल की ओर से ज्ञापन देंगे। वह उनसे डिमांड करेंगे कि हिमाचल के जनजातीय क्षेत्रों के लिए केंद्र सरकार पहले की तरह विशेष रूप से मदद करे, ताकि यहां के जनजातीय लोगों को फायदा मिल सके।
बुधवार को वह दिल्ली रवाना हो गए हैं। गुरुवार या शुक्रवार को केंद्रीय जनजातीय विकास मंत्री से मुलाकात करनी है। उनसे मुलाकात का समय मांगा गया है। केंद्रीय मंत्री के समक्ष वह जनजातीय क्षेत्र के लिए नई योजनाएं शुरू करने व जनजातीय क्षेत्र के विकास के लिए जारी होने वाले बजट को विभागीय योजनाओं के बजाए सीधे विकास कार्यों को जारी करने का मामला भी उठाएंगे। इससे पहले हिमाचल प्रदेश को बॉर्डर एरिया डिवेलपमेंट प्रोग्राम के तहत विशेष रूप से पैसा मिलता था, परंतु अब केंद्र सरकार ने प्रक्रिया को बदल दिया है। इस वजह से यहां जनजातीय क्षेत्रों के लिए सही तरह से पैसा नहीं मिल पा रहा है। वाइब्रेंट विलेज योजना केंद्र सरकार की महत्त्वपूर्ण योजना है। योजना में जनजातीय क्षेत्रों के उन गांवों को विशेष रूप से लिया गया है जोकि सीमा से सटे हुए हैं।