Hospice. धर्मशाला। हिमाचल प्रदेश स्कूल शिक्षा बोर्ड नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत प्रश्र पत्र तैयार करने वाले मास्टर ट्रेनर वाला देश का पहला एजुकेशन बोर्ड बन गया है। देश की राजधानी दिल्ली में आयोजित परख कार्यक्रम में हिमाचल के नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति के प्रयासों का सराहा गया है। इतना ही नहीं देश भर में सबसे पहले एनईपी-2020 के तहत प्रश्र पत्र तैयार करने वाले मास्टर ट्रेनर वाले देश के पहले एजुकेशन बोर्ड के रूप में नवाजा गया है। वहीं, अब हिमाचल प्रदेश में कैपेंटेंसी बेस्ड प्रश्र पत्र तैयार किए जाने की प्रक्रिया भी शुरू कर दी गई है। इसके तहत शिक्षा बोर्ड के 60 मास्टर ट्रेनर जिला स्तर पर शिक्षकों को प्रश्र पत्र बनाने के लिए ट्रेंड करेंगे। जिसके लिए प्रदेश भर के प्राइमरी, हाई और सकेंडरी के सरकारी व निजी स्कूलों के शिक्षकों की ऑनलाइन ट्रेनिंग करवाई जाएगी। प्रश्र पत्र में होने वाले बदलावों व शिक्षा के स्तर में किए जाने वाले कार्यों को लेकर ज़मीनी स्तर पर कार्य करने वाले शिक्षकों को वीडियो कान्फ्रेंसिंग के माध्यम से भी ट्रेंड करके जानकारी भी प्रदान की जाएगी।
ऐसे में अब न्यू एनईपी के तहत राज्य में सबसे पहले प्रश्र पत्रों में बड़े बदलाव देखने को मिलेंगे। अब हिमाचल प्रदेश में परीक्षाओं के पैटर्न में बड़ा बदलाव करने की तैयारी स्कूल शिक्षा बोर्ड ने कर ली है। इसके चलते ही देश भर में सबसे पहले न्यूज एजुकेशन पॉलिसी के तहत प्रश्र पत्र तैयार करने के लिए 60 मास्टर ट्रेनर भी तैयार कर लिए गए हैं। स्कूल शिक्षा बोर्ड सचिव मेजर डा. विशाल शर्मा ने बताया कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के तहत प्रश्नपत्र तैयार करने वाले मास्टर ट्रेनर वाला हिमाचल बोर्ड देश के सभी एजुकेशन बोर्ड में परख कार्यक्रम दिल्ली में अव्वल पाया गया है। उन्होंने बताया कि अब मास्टर ट्रेनर की ओर से प्राइमरी स्तर तक के शिक्षकों को ऑनलाइन प्रशिक्षित किया जाएगा। आगामी कुछ ही वर्षों में क्षमता जांच यानि कैपेंटेसी बेस्ड प्रश्र पत्रों को 50 फीसदी किए जाने की योजना को लेकर काम चल रहा है, जिससे शिक्षा प्रणाली में गुणवत्ता में छात्रों के एजुकेशन स्तर में सुधार आएगा।