Shimla. शिमला। सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग की ओर से जिला स्तरीय अनुश्रवण एवं समीक्षा बैठक बचत भवन में शुक्रवार को हुई। बैठक की अध्यक्षता उपायुक्त अनुपम कश्यप ने की। उपायुक्त अनुपम कश्यप ने कहा कि आंगनबाड़ी केंद्रों में बच्चों के साथ संवाद को बढ़ाएं और उनके साथ बैठकर खाना खाए। केंद्रों में होने वाली दैनिक गतिविधियों का औचक निरीक्षण समय-समय पर करें और बच्चों से केंद्र में होने वाली गतिविधियों के बारे में फीडबैक लें। उपायुक्त ने सभी सीडीपीओ को निर्देश दिए कि हर आंगनबाड़ी केंद्र की डिजिटल बुक बनाई जाए। इसमें केंद्र के बच्चों का सामूहिक चित्र, दैनिक गतिविधियों के बारे में और केंद्र में काम करने वाले आंगनबाड़ी कार्यकर्ता व हेल्पर की फोटो भी संग्लित करें। सभी सीडीपीओ अपने-अपने अधिकार क्षेत्र में आने वाले आंगनबाड़ी केंद्रों में गुणवत्ता को बढ़ावा देने के लिए फील्ड में सक्रियता बढ़ाएं।
उन्होंने कहा कि आंगनबाड़ी केंद्र में आने वाले बच्चों को अपना समझ कर व्यवहार करें। जिला में 13 आंगनबाड़ी केंद्रों को सक्षम आंगनबाड़ी केंद्र बनाया जाएगा। इसके साथ ही दो एस्पिरेशनल ब्लॉक बनाए जाएंगे। जिला में कुल 80 सक्षम आंगनबाड़ी केंद्र बनाने का प्रस्ताव भेजा गया है। इन केंद्रों में हितधारको के लिए व्यापक प्रचार-प्रसार किया जाएगा, ताकि आईसीडीएस की सभी योजनाओं का लाभ ले सकें। पूरक पोषण अभियान के तहत आपूर्ति प्रणाली मजबूत होगी। जिला में 38460 बच्चों को विकास मापा गया। वहीं, शून्य से पांच वर्ष की आयु के बच्चों के विकास निगरानी के बारे में विस्तृत रिपोर्ट पेश की गई। इसमें 38460 बच्चों का विकास मापा गया, जिसमें 3908 अविकसित बच्चे (स्टंड चिल्ड्रन), 1795 गंभीर रूप से अविकसित बच्चे, 9़8 गंभीर तीव्र कुपोषण (सेम) और 410 अति कुपोषित (मैम) है। इसके अलावा 1250 बच्चों को कम वजन और 158 बच्चों गंभीर रूप से कम वजन है। 704 बच्चों का अधिक वजन है और 358 बच्चों में मोटापा पाया गया है।