HP: तेरंग में 2 लोगों की मौत, 8 लापता और 1 गंभीर

Update: 2024-08-01 09:54 GMT
Mandi. मंडी। एडीएम मंडी डॉ मदन कुमार ने बताया कि मंडी जिला के तेरंग में एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, पुलिस और होमगार्ड की संयुक्त टीमों द्वारा खोज और बचाव अभियान चलाया हुआ है। मौके पर उपायुक्त मंडी अपूर्व देवगन मौजूद हैं। उनकी देखरेख में खोज और बचाव का कार्य किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि तेरंग में बुधवार को मध्य रात्रि बादल फटने से दो लोगों की मृत्यु हो गई है, 8 लोग लापता हैं और एक गंभीर रूप से घायल है। आपदा की सूचना मिलते ही रेस्क्यू टीमों को मौके पर बचाव के लिए रवाना कर दिया था। डॉक्टरों का दल भी वहां पहुंच गया है। गंभीर रूप से घायल व्यक्ति का इलाज जारी है। उन्हांने बताया कि प्रारम्भिक सूचना के अनुसार बादल फटने से तीन घर पानी में बह गए थे, जिससे इतना बड़ा हादसा हुआ। उन्होंने बताया कि यह मंडी जिला का यह इलाका काफी दुर्गम है। यहां पहुंचना राहत टीमों के लिए बहुत ही मुश्किल था। वहां जाने वाला रोड पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गया था। लोक निर्माण के अथक प्रयासों से सडक़ को बहाल किया गया। जिससे रेस्क्यू टीमें मौके पर पहुंच पाईं और खोज और बचाव अभियान शुरू हो पाया। ब्यास नदी का जलस्तर बढऩे पर लोगों को सुरक्षित स्थानों पर शिफ्ट किया गया है। उन्होंने बताया कि मलाणा में बादल फटने से बयास नदी का वाटर लेवल बहुत अधिक बढ़ गया है। इससे नदी के लो लाईंग एरिया में रहने वालों लोगों को
सतर्क कर दिया गया है।

हूटर के माध्यम से लोगों को सतर्क किया गया है। रघुनाथ का पधर और बाडी घूमाणु के 30 लोगों को सुरक्षित स्थान पर शिफ्ट किया गया है। इसके साथ ही लोअर भ्यूली में 15 लोगों को सुरक्षित स्थान पर भेजा गया है। उनके गुरुद्वारे में रहने की अस्थायी व्यवस्था की गई है। भारी वर्षा के कारण किसी भी अप्रिय घटना को रोकने के लिए पधर, बालीचौकी और करसोग उपमण्डलों के सभी सरकारी, गैर सरकारी शिक्षण संस्थान, आंगनबाड़ी केंद्र पहली अगस्त को बंद रखने के आदेश जारी किए गए है। इसके साथ ही सदर उपमण्डल के कुछ शिक्षण संस्थानों को बंद रखने के आदेश भी जारी किए हैं। कीरतपुर मनाली नेशनल हाईवे बारिश के कारण मंडी से पंडोह के बीच कुछ देर के लिए बंद रहा था, लेकिन अब इसे एक तरफा यातायात के लिए बहाल कर दिया गया है। मंडी से कुल्लू वाया कटौला रोड खुला है। जिला में बुधवार को हुई भारी बारिश से 6 मुख्य सडक़े जबकि 128 संपर्क सडक़ें बंद हैं।इन्हें खोलने के प्रयास युद्धस्तर पर जारी हैं। मौसम ठीक रहा तो अधिकांश सडक़ों को बहुत शीघ्र बहाल कर दिया जाएगा। राहत कार्यों के लिए वायु सेना का हेलिकॉप्टर तैयार है। प्रशासन द्वारा बचाव कार्य के लिए वायुसेना को हेलिकॉप्टर तैयार रखने को कहा गया था। तेरंग में हुए हादसे में भी वायुसेना सहायता करने के लिए पूरी तरह से तैयार थी, परंतु मौसम खराब होने के कारण हेलिकॉप्टर से राहत कार्यों के लिए सेवाएं नहीं ली जा सकीं है। राहत टीमों को पैदल ही मौके पर भेजा गया है।
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