देश में मंकीपॉक्स का खतरा लगातार बढ़ता ही जा रहा है. अब तक 9 मामले सामने आ चुके हैं. एक मरीज की मौत भी मंकीपॉक्स से हो चुकी है. देश में अब तक मंकीपॉक्स के जितने मामले सामने आए हैं, उनमें से 5 केरल और 4 दिल्ली में आए हैं. राजधानी दिल्ली में मंकीपॉक्स का संक्रमण अब तेजी से बढ़ता दिख रहा है. लगातार तीन दिन से नए मामले सामने आ रहे हैं. बुधवार को भी दिल्ली में एक महिला इससे संक्रमित मिली है.
न्यूज एजेंसी ने सूत्रों के हवाले से बताया है कि दिल्ली में जो महिला संक्रमित मिली है, वो नाइजीरिया की रहने वाली है और उसकी उम्र 31 साल है. देश में पहली बार किसी महिला को मंकीपॉक्स होने का मामला सामने आया है. राजधानी में तीन दिन में तीन विदेशी नागरिक मंकीपॉक्स से संक्रमित मिल चुके हैं. तीनों ही नाइजीरिया के रहने वाले हैं. दिल्ली में 24 जुलाई को मंकीपॉक्स का पहला मामला सामने आया था. राहत की बात ये है कि पहला मरीज ठीक होकर घर जा चुका है.
देश में मंकीपॉक्स से एक मौत भी हो चुकी है. 30 जुलाई को केरल के थ्रिसूर में रहने वाले 22 साल के युवक की मौत हो चुकी थी. उसकी मौत के बाद रिपोर्ट में मंकीपॉक्स की पुष्टि हुई थी. भारत में मंकीपॉक्स से होने वाली ये पहली मौत है. जिस युवक की मौत हुई है, वो संयुक्त अरब अमीरात से लौटर आया था.
मंकीपॉक्स के सामान्य लक्षण क्या है?
1. बुखार आना.
2. स्किन पर चकत्ते पड़ना. ये चेहरे से शुरू होकर हाथ, पैर, हथेलियों और तलवों तक हो सकते हैं.
3. सूजे हुए लिम्फ नोड. यानी शरीर में गांठ होना.
4. सिरदर्द, मांसपेशियों में दर्द या थकावट.
5. गले में खराश और खांसी आना.
क्या सावधानियां बरतने की जरूरत?
- अगर आप संक्रमित हो जाएंः मंकीपॉक्स संक्रामक बीमारी है. इसलिए एक संक्रमित दूसरों को भी संक्रमित कर सकता है. लिहाजा अगर आप संक्रमित हो गए हैं, तो खुद को आइसोलेट कर लें. मंकीपॉक्स से घबराने की बजाय इसका इलाज करवाएं. इसका कोई ठोस इलाज तो नहीं है, लेकिन इसका संक्रमण खुद ही 2 से 4 हफ्तों में ठीक हो जाता है. इसके अलावा, अगर मंकीपॉक्स का एक भी लक्षण दिख रहा है तो सार्वजनिक कार्यक्रमों या जगहों पर न जाएं.
- घर में कोई संक्रमित हो तोः अगर आपके घर में कोई मंकीपॉक्स से संक्रमित हो तो उससे दूरी बना लें. उसके कपड़े, चादर, तौलियों का इस्तेमाल न करें. संक्रमित व्यक्ति के कपड़ों और चादर को गैर-संक्रमित व्यक्तियों के कपड़ों के साथ न धोएं. हाथों को बार-बार पानी या साबुन से धोएं या सैनेटाइजर का इस्तेमाल करें. अगर संक्रमित व्यक्ति घर में ही है या आसपास है तो मास्क और ग्लव्स जरूर पहनकर रखें.
- किसी संक्रमित के संपर्क में आ जाएं तोः अगर किसी संक्रमित के संपर्क में आ जाएं, तो वैसी ही सावधानी बरतें जैसे कोरोना में बरती जाती है. सबसे पहले तो अपना टेस्ट करवाएं और आइसोलेट हो जाएं. मंकीपॉक्स का इन्क्यूबेशन पीरियड 21 दिन तक का होता है. यानी संक्रमित होने के 21 दिन के भीतर लक्षण दिख सकते हैं. इसलिए किसी संक्रमित से सीधे संपर्क में आते हैं तो कम से कम 21 दिन तक खुद को सबसे दूर रखें.
मंकीपॉक्स है क्या?
- अमेरिका के सेंटर फॉर डिसीज कंट्रोल (CDC) के मुताबिक, पहली बार ये बीमारी 1958 में सामने आई थी. तब रिसर्च के लिए रखे गए बंदरों में ये संक्रमण मिला था. इसलिए इसका नाम मंकीपॉक्स रखा गया है. इन बंदरों में चेचक जैसी बीमारी के लक्षण दिखे थे.
- सीडीसी के मुताबिक, मंकीपॉक्स एक दुर्लभ बीमारी है, जो मंकीपॉक्स वायरस के संक्रमण से होती है. ये वायरस उसी वैरियोला वायरस फैमिली (Variola Virus) का हिस्सा है, जिससे चेचक होता है. मंकीपॉक्स के लक्षण चेचक जैसे ही होते हैं. बेहद कम मामलों में मंकीपॉक्स घातक साबित होता है.
- विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के मुताबिक, इंसानों में मंकीपॉक्स का पहला मामला 1970 में सामने आया था. तब कॉन्गो के रहने वाले एक 9 महीने के बच्चे में ये संक्रमण मिला था. 1970 के बाद 11 अफ्रीकी देशों में इंसानों के मंकीपॉक्स से संक्रमित होने के मामले सामने आए थे.
- दुनिया में मंकीपॉक्स का संक्रमण अफ्रीका से फैला है. 2003 में अमेरिका में मंकीपॉक्स के मामले सामने आए थे. सितंबर 2018 में इजरायल और ब्रिटेन में मंकीपॉक्स के मामले सामने आए थे. मई 2019 में सिंगापुर में भी नाइजीरिया की यात्रा कर लौटे लोगों में मंकीपॉक्स की पुष्टि हुई थी.