नई दिल्ली: देश भर में बीते 5 सालों में एनकाउंटर में 655 मौतें हुई हैं। केंद्र सरकार ने मंगलवार को लोकसभा में एक सवाल के जवाब में यह जानकारी दी। इनमें सबसे ज्यादा 191 मौतें छत्तीसगढ़ में पुलिस एनकाउंटर के दौरान हुईं। इसके अलावा अपराधियों पर लगाम कसने और विकास दुबे एनकाउंटर के लिए चर्चित रहे उत्तर प्रदेश में ऐसे 117 मामले सामने आए हैं। भाजपा के सांसद वरुण गांधी के एक सवाल के जवाब में गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने यह जानकारी दी। इसी तरह असम में 50 एनकाउंटर हुए हैं और झारखंड में ऐसे 49 केस दर्ज किए गए हैं।
गृह राज्य मंत्री ने बताया कि ओडिशा में 36 और जम्मू-कश्मीर में ऐसे 35 केस हुए हैं। सदन को लिखित जवाब में नित्यानंद राय ने बताया कि महाराष्ट्र में 1 जनवरी, 2017 से 31 जनवरी, 2022 के दौरान कुल 26 मौतें पुलिस एनकाउंटर में हुई हैं। इसी दौरान बिहार में 22 ऐसी घटनाएं दर्ज की गई हैं। हरियाणा में 15 और तमिलनाडु में 14 लोग पुलिस एनकाउंटरों में मारे गए हैं। वहीं तेलंगाना, मध्य प्रदेश और अरुणाचल प्रदेश में ऐसे 13-13 मामले दर्ज किए गए हैं। आंध्र प्रदेश और मेघालय में ऐसे 9 केस हुए हैं, जबकि राजस्थान और दिल्ली में 8-8 मामले दर्ज हुए।
भले ही केंद्र सरकार ने उत्तर प्रदेश में 117 की जानकारी दी है, लेकिन बीते साल प्रदेश के अतिरिक्त मुख्य सचिव अवनीश कुमार अवस्थी ने बताया था कि 2017 के बाद से अब तक 139 अपराधी यूपी पुलिस के एनकाउंटर में मारे जा चुके हैं, जबकि 3,196 जख्मी हुए हैं। उन्होंने अपने बयान में कहा था, '20 मार्च 2017 के बाद से इस साल जून तक 139 अपराधी पुलिस एनकाउंटर में मारे गए और 3,196 जख्मी हुए। इन एनकाउंटरों के दौरान 13 पुलिसकर्मी भी शहीद हुए और 1,122 जख्मी हुए।' वरुण गांधी ने अपने सवाल में यह भी पूछा था कि आखिर एनकाउंटरों को लेकर कितने पुलिस वालों के खिलाफ जांच चल रही है और कितने लोगों को दोषी ठहराया गया है।