कोरोना से लड़ने के लिए होगा देश में अस्पतालों का विस्तार, ग्रामीण क्षेत्रों और छोटे शहरों पर सबसे ज्यादा फोकस
कोरोना से लड़ने के लिए होगा देश में अस्पतालों का विस्तार
कोविड-19 महामारी के खिलाफ लड़ने के लिए भारत ने विशेष रूप से ग्रामीण क्षेत्रों और छोटे शहरों में स्वास्थ्य के बुनियादी ढांचे की एक बड़ी कमी को दूर करने के लिए अलग-अलग राज्यों में अस्पतालों का विस्तार परियोजना शुरू की है. मॉड्यूलर अस्पताल अस्पताल के बुनियादी ढांचे का विस्तार है और इसे मौजूदा अस्पताल के पास बनाया जा सकता है. जैसे ही देश के अलग-अलग हिस्सों में कोविड -19 के मामले बढ़े, अस्पतालों में बुनियादी ढांचा भारी दबाव में था.
जरूरत को ध्यान में रखते हुए इनोवेटिव मॉड्यूलर अस्पताल संकट के बीच एक बड़ी राहत बनकर आए. प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार के कार्यालय ने प्राइवेट क्षेत्र की कंपनियों, दान देने वाले संगठनों और व्यक्तियों को राष्ट्रीय महत्व की अलग-अलग अन्य परियोजनाओं के साथ पहल का समर्थन करने के लिए आमंत्रित किया है.
प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार के ऑफिस ने उन राज्यों के करीब 50 अस्पतालों की आवश्यकताओं की पहचान की, जहां कोविड -19 के मामलों की सबसे अधिक संख्या दर्ज की गई थी. मॉड्यूलस हाउसिंग, भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, मद्रास (आईआईटी-एम) में एक स्टार्ट-अप ने मेडिकैब अस्पतालों को डेवलप किया. ये 3 हफ्ते के समय में 100 बेड्स वाली विस्तार सुविधा को बनाने में सक्षम है.
मेडिकैब अस्पतालों को आईसीयू के एक समर्पित क्षेत्र के साथ डिज़ाइन किया गया है, जो अलग-अलग जीवन-समर्थन उपकरणों और मेडिकल उपकरणों को समायोजित कर सकता है. इन पोर्टेबल अस्पतालों में लगभग 25 सालों तक मजबूती होती है और इन्हें भविष्य में एक हफ्ते से भी कम समय में किसी भी आपदा के दौरान ट्रांसफर भी किया जा सकता है. तेजी से तैनात किए जा सकने वाले अस्पताल कोविड -19 के खिलाफ भारत की लड़ाई में विशेष रूप से ग्रामीण क्षेत्रों और छोटे शहरों में एक प्रमुख स्वास्थ्य बुनियादी ढांचे की कमी को पूरा करेंगे.