डरावनी खबर: इस अस्पताल में 20 मरीजों की मौत, हुई ऑक्सीजन की कमी
कोरोना के मामले लगातार बढ़ रहे हैं.
देश की राजधानी दिल्ली में कोरोना के मामले लगातार बढ़ रहे हैं तो अस्पतालों में भर्ती मरीजों के इलाज के लिए जरुरी ऑक्सीजन की भी भारी किल्लत है. दिल्ली के जयपुर गोल्डन अस्पताल में ऑक्सीजन की कमी के चलते 20 मरीजों की मौत हो गई है. बत्रा और सर गंगा राम अस्पताल में ऑक्सीजन की बेहद किल्लत है और कुछ ही समय के लिए ऑक्सीजन मौजूद है.
जयपुर गोल्डन हॉस्पिटल के एमडी डॉक्टर डीके बलूजा ने दावा किया कि कल शाम ऑक्सीजन की आपूर्ति में कमी के कारण करीब 20 बेहद गंभीर मरीजों की मौत हो गई.
दूसरी ओर, बत्रा अस्पताल में ऑक्सीजन का एक टैंकर पहुंच गया है. बत्रा अस्पताल के MD डॉक्टर एससीएल गुप्ता ने कहा कि अस्पताल को 500 किलोग्राम ऑक्सीजन ट्रक के जरिए पहुंचाई जा रही है, जो ऑक्सीजन मिलने के बाद अगले 1 घंटे के लिए काफी रहेगी. अस्पताल में 260 मरीज भर्ती हैं.
इससे पहले बत्रा अस्पताल में भी ऑक्सीजन की बेहद कमी बताई गई और कहा गया कि कुछ ही समय के लिए ऑक्सीजन बची हुई है. अस्पताल ने तत्काल ऑक्सीजन मुहैया कराने की मांग की है. बत्रा अस्पताल ने मेडिकल डायरेक्टर डॉक्टर एससीएल गुप्ता ने कहा कि बत्रा अस्पताल में भी ऑक्सीजन खत्म होने की कगार पर है.
दिल्ली के ही जयपुर गोल्डन अस्पताल में महज 45 मिनट का ऑक्सीजन बाकी है, जबकि 215 मरीज भर्ती हैं. अस्पताल के एमडी डॉक्टर डीके बलूजा ने राज्य सरकार और अन्य एजेंसियों से ऑक्सीजन सप्लाई कराने की मांग की है.
अस्थायी ऑक्सीजन की व्यवस्था कर रहेः MD
अस्पताल की ओर से जारी बयान के मुताबिक अस्पताल में महज 20 मिनट का ऑक्सीजन बचा है जबकि 350 से अधिक कोरोना मरीजों का इलाज चल रहा है. कृपया इसे सबसे जरूरी और प्राथमिकता के आधार पर मानें और यहां संकट बरकरार है.
बत्रा अस्पताल में भी ऑक्सीजन का संकट
मेडिकल डायरेक्टर (MD) डॉक्टर एससीएल गुप्ता ने कहा कि हम अस्थायी ऑक्सीजन सिलेंडर की व्यवस्था कर रहे हैं. अस्पताल को ऑक्सीजन की सामान्य आपूर्ति की आवश्यकता है. हमारे पास केवल आईसीयू के लिए स्टॉक है. अस्पताल को पड़ोसी अस्पताल से ऑक्सीजन सिलेंडर मिल रहा है. बत्रा अस्पताल ने पुलिस से ऑक्सीजन सिलेंडर का एस्कॉर्ट करने का अनुरोध किया है.
इस बीच, दिल्ली के महाराजा अग्रसेन अस्पताल में आधी रात को ऑक्सीजन पहुंचाई गई. साथ ही अस्पताल को आश्वस्त भी किया गया है कि उन्हें नियमित तौर पर ऑक्सीजन मिलती रहेगी.