Solan. सोलन। यदि आप गुलदाउदी के खूबसूरत फूलों को घर के आंगन या बालकनी में खिलते देखना चाहते हैं, तो नौणी विश्वविद्यालय की नई खोज आपके लिए किसी सौगात से कम नहीं। डा. यशवंत सिंह परमार औद्योनिकी एवं वानिकी विश्वविद्यालय, नौणी के फ्लोरीकल्चर विभाग ने गुलदाउदी की एक विशेष किस्म ‘सोलन ज्वाला’ विकसित की है, जो गमले में भी आसानी से उगाई जा सकती है। इस नई किस्म ने राष्ट्रीय स्तर पर पहचान बना ली है और इसे वाणिज्यिक खेती के लिए आदर्श माना जा रहा है। इसकी खेती आसान है और फूल भी अधिक संख्या में लगते हैं।
जिससे यह घरेलू बागबानी के साथ-साथ व्यावसायिक खेती के लिए भी एक शानदार विकल्प बन सकता है। बता दें कि ‘सोलन ज्वाला’ किस्म न केवल देखने में आकर्षक है, बल्कि उत्पादन के लिहाज से भी बेहद फायदेमंद है। यह किस्म 137 दिनों में फूल देने लगती है और प्रत्येक पौधे में लगभग 65-67 फूल खिलते हैं। गौरतलब रहे कि वर्ष 2003 से नौणी विश्वविद्यालय के फ्लोरीकल्चर और लैंडस्केप आर्किटेक्चर विभाग में डा. एसआर धीमान, डा. वाईसी गुप्ता और डा. पूजा शर्मा द्वारा इस पर गहन शोध किया गया। इस दौरान करीब 200 चयन किए गए, जिनमें से ‘सोलन ज्वाला’ को गमले में उगाने के लिए उपयुक्त पाया गया।