गृह मंत्रालय ने दिखाया मानवीय चेहरा, किसी भी अफगान को भारत से जाने को नहीं कहा जाएगा, अफगान संकट
केंद्रीय गृह मंत्रालय ने कहा है कि उसकी मंजूरी के बिना भारत में रहने वाले किसी भी अफगान नागरिक को देश छोड़ने के लिए नहीं कहा जाएगा
केंद्रीय गृह मंत्रालय ने कहा है कि उसकी मंजूरी के बिना भारत में रहने वाले किसी भी अफगान नागरिक को देश छोड़ने के लिए नहीं कहा जाएगा। मंत्रालय का फैसला तालिबान के अफगानिस्तान पर कब्जा करने और उस देश के नए शासकों से प्रतिशोध के डर से कई अफगानों के भारत आने के करीब एक पखवारे के बाद आया है।
अफगान नागरिकों की मदद के लिए खोलेे दरवाजे
गृह मंत्रालय के एक अधिकारी ने कहा कि विदेशियों के क्षेत्रीय पंजीकरण कार्यालय (एफआरआरओ) द्वारा किसी भी अफगान नागरिक को गृह मंत्रालय की पूर्व मंजूरी के बिना भारत छोड़ने के लिए नहीं कहा जाएगा। ऐसे मामलों को एफआरआरओ द्वारा गृह मंत्रालय को भेजा जाएगा।
वीजा की अवधि भी बढ़ाई
यह तब हुआ जब अफगान संसद की एक महिला सदस्य रंगीना कारगर को वैध कागजात के बावजूद दिल्ली के आइजीआइ हवाई अड्डे से इस्तांबुल भेज दिया गया था। सरकार ने बाद में कारगर से माफी मांगी थी। सरकार पहले ही भारत में रहने वाले अफगानिस्तान समेत सभी देशों के नागरिकों को दिए जाने वाली सभी श्रेणियों के वीजा की अवधि 30 सितंबर तक बढ़ा चुकी है।
ई-वीजा सुविधा 30 सितंबर तक बढ़ाई सीमा
तालिबान के अफगानिस्तान पर कब्जा करने से पहले भारत आए कई अफगान नागरिक छह महीने से अधिक समय से भारत में रह रहे हैं। गृह मंत्रालय ने कोरोना के कारण भारत में फंसे विदेशी नागरिकों को बिना अधिक अर्थदंड के नियमित वीजा या ई-वीजा या स्टे स्टिपुलेशन अवधि के विस्तार की मौजूदा सुविधा 30 सितंबर तक बढ़ाने का फैसला किया है।
नहीं होगी कोई आवेदन जमा करने की जरूरत
ऐसे विदेशी नागरिकों को अपने वीजा के विस्तार के लिए संबंधित एफआरआरओ को कोई आवेदन जमा करने की आवश्यकता नहीं होगी। वे देश छोड़ने से पहले या बाहर जाने की अनुमति के लिए आवेदन कर सकते हैं। उन्हें एफआरआरओ द्वारा बिना किसी ओवरस्टे जुर्माने के मुफ्त आधार पर सुविधा दी जाएगी।
विजा विस्तार के लिए ऐसे कर सकते हैं आवेदन
यदि 30 सितंबर से आगे वीजा के विस्तार की आवश्यकता होती है तो संबंधित विदेशी नागरिक भुगतान के आधार पर आनलाइन ई-एफआरआरओ प्लेटफार्म पर विस्तार के लिए आवेदन कर सकते हैं, जिसे एफआरआरओ द्वारा वीजा मैनुअल के प्रविधानों के अनुसार पात्रता के अधीन माना जाएगा। वीजा नियमों के अनुसार, भारत आने के 14 दिन के भीतर अफगान नागरिकों को अपने और अपने परिवार के सदस्यों को स्थानीय पुलिस के समक्ष पंजीकृत करवाना चाहिए।
अफगान शरणार्थियों के लिए खोले दरवाजे
उल्लेखनीय है कई अफगान नागरिक तालिबान के हाथों उत्पीड़न के डर का सामना कर रहे हैं। उन्होंने भारत में रहने की इच्छा व्यक्त की है। तालिबान के अफगानिस्तान के अधिग्रहण के बाद, गृह मंत्रालय ने अफगान नागरिकों के लिए ई-आपातकालीन एक्स-मिसलेनियस वीजा नामक वीजा की एक नई श्रेणी शुरू करने की घोषणा की थी।
ई-वीजा की सहूलियत दी
मंत्रालय ने यह भी घोषणा की है कि अफगानिस्तान में मौजूदा स्थिति को देखते हुए सभी अफगान नागरिकों को अब केवल ई-वीजा पर भारत की यात्रा करनी चाहिए। भारत ने अफगानिस्तान में अपने मिशन पहले ही बंद कर दिए हैं। वीजा जारी करने की प्रक्रिया अब नई दिल्ली से की जा रही है।
अफगान मसले पर पीएम ने ली बैठक
वहीं अफगानिस्तान की लगातार बिगड़ती स्थिति को देखते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सोमवार शाम एक उच्चस्तरीय बैठक कर वहां के हालात का जायजा लिया। पीएम ने रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, गृह मंत्री अमित शाह और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल के साथ गहन विचार विमर्श किया। इस बैठक में विदेश मंत्री एस. जयशंकर और वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण भी मौजूद रहीं।
उच्च स्तरीय समूह का गठन
पीएम मोदी ने भारत की तात्कालिक प्राथमिकताओं पर ध्यान देने के लिए एक उच्च स्तरीय समूह का गठन किया है। समूह में विदेश मंत्री एस.जयशंकर, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल और अन्य वरिष्ठ अधिकारी शामिल हैं। यह समूह अफगानिस्तान में जमीनी हालात और उस पर अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रियाओं की बारीकी से निगरानी कर रहा है।