Himachal's ruined projects 15 साल बाद भी इंडोर स्टेडियम का काम शुरू नहीं

Update: 2024-06-04 09:42 GMT
Solan: सोलन। बीते डेढ़ दशक सेें प्रदेश के खिलडिय़ों के साथ सरकारें छल करती आ रही हैं। आलम यह है कि खेलों को भी अब राजनीति के अखाड़े political arena में उतारा जा रहा है, जिस कारण युवाओं व खेलों के प्रति रुचि रखने वाले खिलाडिय़ों में निराशा व भारी रोष है। खिलाडिय़ों की माने तो कई सरकारें आई व गई, लेकिन इंडोर स्टेडियम का सपना अधर में ही लटका रह गया। 15 वर्ष पूर्ण होने के उपरांत भी जिला सोलन में इंडोर स्टेडियम का काम शुरू नहीं हो पाया है व
दो करोड़ की राशि कई वर्षों से सोलन के बैंक में पड़ी धूल फांक रही है।
बताया जा रहा है कि जमीन संबंधी औपचारिकतांए पूरी न होने की वजह से यह कार्य अभी तक शुरू नहीं हो पाया है। अक्टूबर 2011 में ठोडो मैदान के समीप इंडोर खेल परिसर का शिलान्यास तत्कालीन मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल ने किया था। उस दौरान इस स्टेडियम को बनाए जाने की लागत करीब दस करोड़ रुपए की बताई जा रही थी। सरकार ने काम शुरू करने के लिए दो करोड़ रुपए के बजट का भी प्रविधान कर दिया। इस बारे में लोक निर्माण विभाग को नक्शा आदि बनाने व कार्य शुरू करने के लिए एक करोड़ रुपए भी जिला खेल विभाग द्वारा दे दी गई।

 अब तक फाइलें इतनी धीमी गति से सरकीं की कार्य पूर्ण न हो सका, जबकि डीपीआर तैयार कर जमीन की पैमाइश का कार्य भी पूरा हो गया था, लेकिन स्थानीय विधायक व मंत्री भी कार्य को आज दिन तक शुरू नहीं करवा पाए। इसके अलावा प्रदेश व केंद्र से नेता भी कई बार राजनीतिक मंचों से स्टेडियम का कार्य पूरा करवाने के लिए हामी भर चुके थे, लेकिन यह योजना अभी तक अधर में लटकी पड़ी है। गौरतलब रहे कि इस स्टेडियम में सभी इंडोर खेलें जैसे रेसलिंग, टीटी, कबड्डी, कैरम, मुक्केबाजी व बास्केटबाल आदि खेल खेलने के लिए बनाया जा रहा था। इस इंडोर स्टेडियम के बनने से जिला सोलन सहित प्रदेश भर के खेल प्रतिभाओं को भी तराशने में मदद मिलनी थी। अभी तक बिना स्टेडियम के खिलाडिय़ों को खुले आसमां के नीचे ही अभ्यास करना पड़ता है। बारिश, सर्दी या गर्मी में दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। प्रस्तावित इंडोर स्टेडियम में राष्ट्रीय स्तर की खेलें भी आयोजित करने की योजना थी, जो कि सिरे नहीं चढ़ पाई। इस स्टेडियम में प्रतियोगिता के दौरान खिलाडिय़ों के ठहरने के लिए दो डोरमेट्री बनेगी। इनमें 40 लड़कियों और 60 लडक़े ठहर सकेंगे। इसमें मैस का भी प्रावधान किया है। खिलाड़ी सुनील सख्यांन ने कहा कि इंडोर स्टेडियम में अत्याधुनिक सुविधाएं होती हैं, जो खिलाडिय़ों के प्रदर्शन को बेहतर बनाने में सहायक बन सकती है। डिस्ट्रिक्ट बैडमिंटन एसोसिएशन के सचिव यादवेंद्र ने कहा कि इंडोर स्टेडियम न होने पर खिलाडिय़ों को प्रैक्टिस और प्रतियोगिताओं के लिए पर्याप्त सुविधाएं नहीं मिल पातीं। इससे उनकी प्रतिभा और कौशल को विकसित करने में रुकावट आ रही है।
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